डेरा प्रबंधक रणजीत सिंह की हत्या के मामले में बरी हुए गुरमीत राम रहीम

Gurmeet Ram Rahim: डेरा के पूर्व प्रबंधक रणजीत सिंह के हत्या के मामले में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को बरी कर दी है. इसके साथ ही कोर्ट ने चार अन्य को बरी कर दिया है.

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Gurmeet Ram Rahim: पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने डेरा प्रबंधक रणजीत सिंह की हत्या के मामले में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम और चार अन्य को बरी कर दिया है. 2021 में, एक विशेष केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) अदालत ने राम रहीम और मामले के अन्य आरोपियों को सिंह की हत्या का दोषी पाया और उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई.

राम रहीम के वकील ने सुनवाई के बाद कहा, "पंजाब और हरियाणा HC ने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को उनके पूर्व प्रबंधक रणजीत सिंह की हत्या के मामले में बरी कर दिया है. सिरसा मुख्यालय वाले संप्रदाय प्रमुख, जो अपने दो शिष्यों के साथ बलात्कार के आरोप में 20 साल की जेल की सजा काट रहे हैं, वर्तमान में हरियाणा के रोहतक में सुनारिया जेल में बंद हैं.

पूर्व डेरा प्रबंधक रणजीत सिंह की 19 साल पहले 10 जुलाई 2002 को हरियाणा के कुरुक्षेत्र के खानपुर कोलियान गांव में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. यह शक था कि उनकी हत्या एक पत्र प्रसारित करने में उनकी कथित भूमिका के कारण की गई थी, जिसमें बताया गया था कि डेरा मुख्यालय में संप्रदाय प्रमुख द्वारा महिलाओं का यौन शोषण कैसे किया जा रहा था.

पंचकूला की सीबीआई अदालत ने मामले में राम रहीम और चार अन्य को दोषी ठहराया, जिसके बाद संप्रदाय प्रमुख ने उच्च न्यायालय में अपील की. डेरा प्रमुख के अलावा मामले में अन्य आरोपी अवतार सिंह, जसबीर सिंह, सबदिल सिंह और कृष्ण लाल थे.

द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, मामले में पहले दोषी ठहराए गए पांच आरोपियों को आईपीसी की धारा 302 के साथ पढ़ी जाने वाली आईपीसी की धारा 120 बी और धारा 120 बी के साथ पढ़ी जाने वाली धारा 506 (आपराधिक धमकी) के तहत अपराध का दोषी ठहराया गया था. कथित तौर पर सिंह द्वारा प्रसारित गुमनाम पत्र की सामग्री में राम रहीम पर अपने आश्रम के अंदर रहने वाली साध्वियों का यौन शोषण करने का आरोप लगाया गया था. उसी पत्र का इस्तेमाल बाद में सिरसा स्थित पत्रकार रामचंद्र छत्रपति ने एक समाचार रिपोर्ट में किया था.

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