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शराब पीकर जानवरों की तरह करता था प्रताड़ित, अतुल सुभाष की पत्नी निकिता ने लगाए गंभीर आरोप

इन समय देश का सबसे चर्चित अतुल सुभाष के सुसाइड का मामला चर्चे में है. लोगों के बीच जंग छिड़ी है. कुछ लोग अतुल को सही बता रहे हैं, वहीं कुछ लोग उनकी पत्नी निकिता की बातों पर भरोसा जता रहे हैं. अब इस मामले को लेकर निकिता ने बयान दिया है. उन्होंने अपने पती पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं.

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Courtesy: Social Media

Atul Subhash Suicide: बेंगलुरु के रहने वाले इंजीनियर अतुल सुभाष के आत्महत्या के बाद उनकी पत्नी और महिलाओं द्वारा किए जा रहे कानून के दुरुपयोग पर कई सवाल उठाए गए. लोगों ने बिना सुने अतुल  की पत्नी निकिता सिंघानिया पर कई सवाल दागे. हालांकि अब निकिता खुद इस मुद्दे को लेकर सामने आ रही हैं. निकिता ने अपने पति सुभाष पर कई आरोप लगाए हैं. 

निकिता सिंघानिया और अतुल सुभाष के रिश्ते कोविड-19 के  खराब होने लगे थे. जिसके बाद 2022 में निकिता ने अतुल के खिलाफ मारपीट और आपराधिक धमकी का मामला दर्ज कराया था. पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार निकिता ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि शादी के बाद उसके पति और उसके माता-पिता शादी के दौरान उसके परिवार द्वारा उन्हें दिए गए सामान से असंतुष्ट थे और 10 लाख रुपये और मांग रहे थे.

निकिता ने लगाए गंभीर आरोप

एक्सेंचर में काम करने वाली महिला ने आरोप लगाया कि दहेज के लिए उसके पति और ससुराल वालों ने उसे मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया. निकिता का कहना है कि जब मैंने अपने माता-पिता को उत्पीड़न और दहेज के बारे में बताया तो मेरे माता-पिता ने मुझे समझाया कि सब ठीक हो जाएगा. उन्होंने मुझे अतुल के साथ रहने की सलाह दी. निकिता का कहना है कि काफी दिनों तक कोशिश करने के बाद भी  मेरे पति और ससुराल वालों में किसी भी तरह का कोई सुधार नहीं आया. उसने कहा कि अतुल शराब पीकर उसे पीटता था और मेरे साथ जानवर की तरह पेश करता था. 

पति के कारण पिता की मौत 

निकिता ने दावा किया कि वह मुझे धमकाकर मेरे खाते से मेरा पूरा वेतन अपने खाते में ट्रांसफर कर लेता था. उसने कहा कि इस तनाव के कारण उसके पिता की तबीयत अचानक खराब हो गई और 17 अगस्त, 2019 को दहेज की मांग के कारण उन्हें स्ट्रोक आया और बाद में उनकी मृत्यु हो गई.

वकील ने दी जानकारी

इंजीनियर का केस देख रहे वकील ने बताया कि निकिता ने कई बार उनके खिलाफ केस दर्ज कराया था. वकील दिनेश मिश्रा ने बताया कि इनमें से एक अहम केस फैमिली कोर्ट में चल रहा था. जिसमें निकिता ने अपने और अपने बच्चे के भरण-पोषण के लिए कोर्ट में अर्जी दी थी. कोर्ट ने इस मामले में पत्नी को भरण-पोषण देने से इनकार कर दिया, लेकिन बच्चे के भरण-पोषण के लिए 40,000 रुपये प्रतिमाह देने का आदेश दिया था. वकील ने कहा कि अगर सुभाष को यह रकम बहुत ज्यादा लगती है, तो उन्हें कोर्ट से संपर्क करना चाहिए था।. अगर वो बेंगलुरु से आ रहा थे तो महिला को भी दिल्ली से आना पड़ता है.

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