हिंदू महासभा ने मनाया महात्मा गांधी की हत्या का जश्न, गोडसे को दिया सम्मान

मेरठ (उप्र):  अखिल भारत हिंदू महासभा ने बृहस्पतिवार को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर उनकी हत्या का जश्न मनाया और उनके हत्यारे नाथूराम गोडसे को सम्मान देकर विवाद खड़ा कर दिया.

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Courtesy: Social Media

मेरठ (उप्र):  अखिल भारत हिंदू महासभा ने बृहस्पतिवार को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर उनकी हत्या का जश्न मनाया और उनके हत्यारे नाथूराम गोडसे को सम्मान देकर विवाद खड़ा कर दिया.

हिंदू महासभा से कथित तौर पर जुड़े गोडसे ने दिल्ली के बिड़ला हाउस में 30 जनवरी 1948 को प्रार्थना सभा के दौरान गांधी की गोली मारकर हत्या कर दी थी. उसे 1949 में अंबाला जेल में फांसी दे दी गई थी.

गांधी की हत्या और गोडसे की भूमिका

महात्मा गांधी की हत्या 30 जनवरी 1948 को दिल्ली स्थित बिड़ला हाउस में प्रार्थना सभा के दौरान नाथूराम गोडसे द्वारा की गई थी. गोडसे, जो हिंदू महासभा से कथित रूप से जुड़ा हुआ था, ने गांधी जी को गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस घटना के बाद गोडसे को गिरफ्तार कर लिया गया और 1949 में अंबाला जेल में फांसी दे दी गई. गांधी जी की हत्या के इस कृत्य को देशभर में न केवल घृणा और निंदा की गई, बल्कि यह घटना भारतीय समाज और राजनीति में गहरे घाव छोड़ गई.

हिंदू महासभा का विवादित कदम

हिंदू महासभा ने गांधी की पुण्यतिथि पर गोडसे को सम्मानित किया, जोकि एक बहुत ही संवेदनशील और विवादास्पद कदम था. इस कदम ने न केवल गांधी के अनुयायियों बल्कि समस्त भारतीय समाज को आहत किया है. गांधी जी की हत्या के बाद से उनका सम्मान और उनकी विचारधारा भारतीय समाज का अभिन्न हिस्सा बन चुकी है, और ऐसे में उनकी हत्या को लेकर किसी भी प्रकार का सम्मान न केवल गलत बल्कि देश की एकता और अखंडता के लिए खतरा है.

राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रिया

यह कदम न केवल राजनीतिक दृष्टिकोण से आपत्तिजनक है, बल्कि यह भारतीय समाज में विभाजन पैदा करने का भी काम कर रहा है. गांधी की विचारधारा ने देश को अहिंसा और सत्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी, और ऐसे समय में गोडसे के प्रति श्रद्धा प्रकट करना समाज में घृणा और विवाद को बढ़ावा दे सकता है.

(इस खबर को भारतवर्ष न्यूज की टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की हुई है)

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