मुलायम सिंह होते तो सपा का बीजेपी में विलय हो जाता! अपर्णा यादव के बयान ने मचाया बवाल

यूपी उपचुनाव के बीच मुलायम सिंह की बहूं अपर्णा यादव ने बड़ा बयान दिया है. अपर्णा ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि अगर नेता जी आज जीवित होते तो हो सकता था कि सपा का बीजेपी में विलय हो जाता.

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Courtesy: Social Media

Aparna Yadav: उत्तर प्रदेश की राजनीति में मुलायम सिंह का नाम टॉप में आता है. समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव की तारफी आज भी कई प्रतिद्वंद्वियों द्वारा की जाती है. अपने जीवनकाल के दौरान मुलायम सिंह भी अक्सर प्रतिभाशाली लोगों की तारीफ करते थे. उन्हें इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता था कि सामने वाला व्यक्ति उनके साथ है या फिर उनके खिलाफ है. हालांकि उनकी इसी खूबी पर उनकी छोटी बहू अपर्णा यादव ने विवादित बयान दे दिया है. 

अपर्णा यादव द्वारा दिए गए बयान को बैंलेंस करने के लिए पार्टी को काफी मशक्कत करनी पड़ सकती है. अपर्णा ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि अगर नेता जी आज जीवित होते तो हो सकता था कि सपा का बीजेपी में विलय हो जाता. हालांकि सपा की ओर से इस अपर्णा यादव के इस बयान पर कोई सफाई नहीं दी गई है.  

यूपी में उपचुनाव

उत्तर प्रदेश में 10 सीटों पर उपचुनाव होने हैं. जिसे लेकर सभी पार्टियां कड़ी मेहनत कर रही है. ऐसे समय में बयानबाजी भी चरम पर है, इसी क्रम में मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव ने बडा बयान दिया है. उन्होंने एक कार्यक्रम में बात करने के दौरान कहा कि मैं पब्लिक स्टेज के बीच से यह बताना चाहती हूं कि आदरणीय नेता जी ने एक बार सार्वजनिक रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की तारीफ की थी. शायद अगर वो आज रहते तो सपा शायद विलय कर रही होती. अपर्णा यादव के इस बयान से यूपी में सियासी हलचल तेज हो गई है. 

बीजेपी ने जताया भरोसा

बता दें कि अपर्णा यादव को हाल में ही उत्तर प्रदेश महिला आयोग का उपाध्यक्ष बनाया गया है. उन्होंने 2022 में विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी में शामिल होने का फैसला लिया था. इससे पहले वो समाजवादी पार्टी की ओर से 2017 विधानसभा चुनाव में मैदान में उतरी थी. बीजेपी में शामिल होने के बाद लंबे समय तक उन्हें कोई खास पद नहीं दिया गया था. ना ही किसी भी सीट से चुनाव लड़ने का मौका मिला. जिसके बाद अब उन्हें यूपी महिला आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. अपर्णा यादव का रोल काफी अजीब है. एक ओर वो यादव परिवार की बहूं हैं. वहीं दूसरी तरफ उन्हें सपा की विरोधी पार्टी बीजेपी की नेता हैं. ऐसे में उनके लिए बैलेंस करना काफी मुश्किल हो जाता है.   

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