COVID-19: कोरोना के बढ़ते मामलों ने बढ़ाई चिंता, फिर बढ़ रहा संक्रमण!

COVID-19: कोरोना के नए सब-वेरिएंट जेएन.1 से संभावित संक्रमण को लेकर पूरे देश में चिंता बढ़ती जा रही है. हालांकि, अभी तक केवल एक मामले की पुष्टि हुई है.

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हाइलाइट्स

  • प्रशासन कोरोना को लेकर अलर्ट
  • रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर होगी जांच

COVID-19: दुनियाभर में लाखों लोगों की जान लेने वाली महामारी कोरोना ने भारत में एक बार फिर चिंता बढ़ा दी है. दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी आबादी वाले इस देश में हर घंटे कम से कम 26 से 27 लोग संक्रमित हो रहे हैं, जिससे एक बार फिर डर का माहौल बन गया है. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, शुक्रवार यानी 22 दिसंबर को 24 घंटे के भीतर कोविड-19 के 640 नए मामले दर्ज किए गए. इससे देशभर में एक्टिव मरीजों की संख्या बढ़कर 2,997 हो गई है. जबकि एक दिन पहले यह संख्या 2,669 पर थी.

सब-वेरिएंट JN.1 ने बढ़ाई चिंता

सबसे बड़ी चिंता कोरोना के नए वेरिएंट JN.1 से बढ़ रही है. माना जाता है कि संक्रमण में यह वृद्धि जेएन.1 के कारण हुई है, जो कि कोविड के ओमिक्रॉन संस्करण का एक वंश है. इसका पहला सैंपल 25 अगस्त 2023 को इकट्ठा किया गया था. केरल में कोरोना के नए सब-वेरिएंट से संक्रमित एक मरीज का पता चला है. हालाँकि, देश के अन्य हिस्सों में अभी तक इस संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई है.

डॉक्टरों ने क्या कहा?

मीडिया रिपोर्हट्र्षस के अनुसार आर साल्वे ने कहा, "सीओवीआईडी ​​​​-19 मामलों की रिपोर्टिंग में वर्तमान वृद्धि ज्यादातर ओमिक्रॉन संस्करण के जेएन.1 उप-संस्करण के कारण है. संक्रमण की गंभीरता ओमिक्रॉन के कारण रिपोर्ट की गई पिछली रिपोर्ट की तुलना में अधिक है." एम्स, दिल्ली में सामुदायिक चिकित्सा केंद्र में प्रोफेसर। रिपोर्ट किए गए मामले ज्यादातर ऊपरी श्वसन पथ के संक्रमण तक ही सीमित हैं, और अब तक कोई गंभीर लक्षण सामने नहीं आए हैं.

कुल मिलाकर घबराने की कोई जरूरत नहीं है. मामलों में वर्तमान वृद्धि सर्दियों के मौसम के दौरान श्वसन वायरस के संचरण में वृद्धि के कारण भी है. ज्यादातर मामले हल्के रूप में होते हैं. वर्तमान समय में लगभग 41 देशों में सब-वेरिएंट संक्रमण पाया गया है.

देश में कोरोना की क्या है स्थिति

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, देश में अब कोविड-19 मामलों की संख्या 4.50 करोड़ (4,50,07,212) हो गई है. केरल में संक्रमण से एक और मरीज की मौत होने से मृतक संख्या बढ़कर 5,33,328 हो गई है.

स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट के मुताबिक, इस बीमारी से ठीक होने वाले लोगों की संख्या 4,44,70,887 हो गई है. आंकड़ों के मुताबिक, राष्ट्रीय रिकवरी दर 98.81 फीसदी है, जबकि मृत्यु दर 1.19 फीसदी है. मंत्रालय की वेबसाइट के मुताबिक, देश में अब तक कोविड-19 रोधी टीकाकरण अभियान के तहत 220.67 करोड़ खुराकें दी जा चुकी हैं.

सरकार क्या कर रही?

देश में कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर केंद्र सरकार पहले ही अलर्ट हो चुकी है. नए वैरिएंट को देखते हुए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को दिशानिर्देश और सलाह जारी की गई हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री की ओर से सभी राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ-साथ स्वास्थ्य सचिवों के साथ भी समीक्षा बैठक की गई है. राज्यों से वहां निगरानी बढ़ाने को कहा गया है. इसके अलावा दिल्ली समेत कुछ राज्यों द्वारा कोरोना संक्रमित मामलों में जीनोम सीक्वेंसिंग कराने का भी फैसला लिया गया है. हालांकि, यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) ने यह भी चेतावनी दी है कि आने वाले समय में अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ेगी.

बूस्टर डोज एक्सपर्ट क्या कह रहे

नए सब-वेरिएंट को देखते हुए एक बार फिर बूस्टर डोज पर चर्चा हो रही है. ऐसे में सवाल ये है कि क्या नए वेरिएंट से बचने के लिए बूस्टर डोज लेना जरूरी है. इस संबंध में अपोलो अस्पताल के संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. एस. रामसुब्रमण्यम के मुताबिक, बुजुर्गों, कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों और जिन लोगों को कोई गंभीर बीमारी है, उनके लिए बूस्टर डोज लेना जरूरी है. देखा गया है कि कोरोना वैक्सीन की वजह से लोग संक्रमण से सुरक्षित रहे हैं. ये भी सच है कि समय के साथ वैक्सीन का असर कम होता जाता है. ऐसे में बूस्टर वैक्सीन एक विकल्प हो सकता है.