भारत की 2047 तक 1,800 गीगावाट हरित बिजली उत्पाद क्षमता पर नजर: प्रल्हाद जोशी

नई दिल्ली:  केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री प्रल्हाद जोशी ने बुधवार को कहा कि भारत 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य के तहत 1,800 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता का दीर्घकालिक लक्ष्य हासिल करने पर विचार कर रहा है.

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Courtesy: Social Media

नई दिल्ली:  केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री प्रल्हाद जोशी ने बुधवार को कहा कि भारत 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य के तहत 1,800 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता का दीर्घकालिक लक्ष्य हासिल करने पर विचार कर रहा है.

2047 के लिए दीर्घकालिक लक्ष्य पर जोर

जोशी ने यहां भारत ऊर्जा संक्रमण शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, “कुल मिलाकर, चीजें बहुत तेज हैं. अब हम 2030 (जब 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता हासिल की जाएगी) के बारे में नहीं सोच रहे हैं, हम 2047 के बारे में सोच रहे हैं.” जोशी के पास ‘नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय’ का प्रभार है. उन्होंने कहा कि 2030 के लिए जो भी योजना बनाई गई है, उसे पूरा किया जाएगा लेकिन हम 2047 (1,800 गीगावाट का लक्ष्य) के बारे में भी सोच रहे हैं.

मंत्री ने कहा, “हमारे पास प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में 2047 के लिए एक दीर्घकालिक दृष्टि और खाका है... हम निश्चित रूप से 2030 तक 500 गीगावाट क्षमता हासिल कर लेंगे, यह पक्का है. हम 2047 तक 1,800 गीगावाट की क्षमता स्थापित करने के लिए भी काम कर रहे हैं.”

उन्होंने कहा कि 2030 तक 500 गीगावाट एक अल्पकालिक योजना है और सरकार 2047 के लिए दीर्घकालिक लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित कर रही है. जोशी ने कहा, “हम देश में लगभग 100 गीगावाट सौर क्षमता तक पहुंच गए हैं. आने वाले वर्षों में, हमें सालाना लगभग 50 गीगावाट नई क्षमता जोड़ने की उम्मीद है. यह वह गति है जिस पर हम आगे बढ़ रहे हैं.”

नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता में वृद्धि

जोशी ने कहा कि स्थापित नवीकरणीय ऊर्जा (आरई) क्षमता मार्च, 2014 के 75.52 गीगावाट से लगभग 200 प्रतिशत बढ़कर आज 220 गीगावाट हो गई है. छतों पर सौर ऊर्जा उपकरण लगाने की पहल, प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना के बारे में उन्होंने कहा कि अब तक 8.5 लाख सौर ऊर्जा संयंत्र लगाये जा चुके है.

(इस खबर को भारतवर्ष न्यूज की टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की हुई है)
 

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