India: भारत ने पाकिस्तान को कहा आतंक की फैक्ट्री, यूएन में पाक को मिला जवाब

India: संयुक्त राष्ट्र के अंतरराष्ट्रीय मंच का गलत प्रयोग कर कश्मीर का गुनगान करने से पाकिस्तान पीछे नहीं हट रहा है. वहीं पाकिस्तान के कार्यभार देखने वाले पीएम अनवारुल हक काकर ने बीते दिन यानि शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा के 78वें सत्र के संबोधन में कश्मीरी राग अलापते नजर आए. उनका कहना है कि […]

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India: संयुक्त राष्ट्र के अंतरराष्ट्रीय मंच का गलत प्रयोग कर कश्मीर का गुनगान करने से पाकिस्तान पीछे नहीं हट रहा है. वहीं पाकिस्तान के कार्यभार देखने वाले पीएम अनवारुल हक काकर ने बीते दिन यानि शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा के 78वें सत्र के संबोधन में कश्मीरी राग अलापते नजर आए. उनका कहना है कि संयुक्त राष्ट्र से कश्मीर के ऊपर प्रस्ताव पास करने के साथ वहां की मिलिट्री हस्तक्षेप की मांग रखी है. इसी पर शनिवार यानि आज भारत ने पाकिस्तान को मुंह तोड़ जवाब दिया है.

फर्स्ट सेक्रेटरी पेटल गहलोत का जवाब

भारत की फर्स्ट सेक्रेटरी पेटल गहलोत ने संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान को जवाब देते हुए बताया कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर भारत का महत्वपूर्ण अंग है. आगे कहा कि पाकिस्तान को हमारे आंतरिक मामलों में बोलने का अधिकार किसने दिया है. जबकि राइट टू रिप्लाई के अधिकार का उपयोग करते हुए पेटल गहलोत ने बताया पाकिस्तान जब दूसरों के आंतरिक मामलों में झांक रहा है तो, उसे अपने देश में हो रहे घोर मानवाधिकार उल्लंघनों को पहले देखे एवं इसे तुरंत बंद करे.” उनका कहना है कि मुंबई हमले के आतंकवादियों पर कड़ी कार्रवाई करने की जरूरत है. जिससे पीड़ित लोग 15 सालों के उपरांत भी न्याय का इंतजार करते नजर आ रहे हैं. इसके साथ ही पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठनों का गढ़ माना जाता है. इतना ही नहीं पाकिस्तान ने तो आतंकवादियों के लिए सेफ हेवन बना रखा है.

पाकिस्तान अवैध कब्जा करे खाली

आपको बता दें कि भारत ने दक्षिण एशिया में शांति बनाए रखने के लिए पाकिस्तान को तीन सलाह दी और बताया कि पाकिस्तान को अभी तुरंत सीमा पार भारत में आतंकवादी गतिविधियों पर रोक लगाने की जरूरत है. जबकि आतंकी ठिकानों को बिना देरी लगाए बंद कर दिया जाए. इसके साथ ही केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के जिन जगहों पर पाकिस्तान ने अवैध कब्जा कर रखा है, उसे खाली करे. वहीं पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के खिलाफ किए जा रहे मानवाधिकारों के उल्लंघन को रोक दिया जाए.