भारत-रूस के बीच रक्षा सौदे पर चर्चा, एस-400 और मिसाइलों पर होगी नई डील

रक्षा मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी इस सप्ताह रूस के अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे. इस बैठक का उद्देश्य भारत की लंबी दूरी की रक्षा क्षमताओं को बढ़ाना है. भारत और रूस पांच और एस-400 वायु रक्षा प्रणालियों की खरीद या संयुक्त निर्माण पर विचार कर रहे हैं.

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Courtesy: X (@Currentreport1)

India Russia Defence Deal: रक्षा मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी इस सप्ताह रूस के अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे. इस बैठक का उद्देश्य भारत की लंबी दूरी की रक्षा क्षमताओं को बढ़ाना है. भारत और रूस पांच और एस-400 वायु रक्षा प्रणालियों की खरीद या संयुक्त निर्माण पर विचार कर रहे हैं. यह सौदा रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के 5 दिसंबर को भारत दौरे से पहले अंतिम रूप ले सकता है.

वर्ष 2018 में भारत और रूस ने 5.43 अरब डॉलर में पांच एस-400 प्रणालियों का सौदा किया था. इनमें से दो प्रणालियां 2026 के अंत तक भारत को मिल जाएंगी. अब दोनों देश भारत के 7000 किलोमीटर लंबे समुद्र तट और उत्तरी कमान क्षेत्र की रक्षा के लिए पाँच और प्रणालियों की खरीद पर बातचीत कर रहे हैं. सूत्रों के अनुसार, इस सौदे की कीमत 2018 की कीमतों के आधार पर तय हो चुकी है, जिसमें वार्षिक वृद्धि शामिल है.

खरीद और निर्माण की योजना  

इस सौदे के तौर-तरीके अभी तय नहीं हुए हैं. चर्चा है कि पाँच में से तीन प्रणालियाँ सीधे खरीदी जाएंगी, जबकि शेष दो का निर्माण भारत में निजी कंपनियों द्वारा प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के तहत होगा. यह सौदा सरकार से सरकार के बीच होगा. रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल सुविधाएँ भी भारतीय निजी क्षेत्र के सहयोग से स्थापित की जाएंगी. सूत्रों ने यह भी स्पष्ट किया कि रूस की एस-500 प्रणाली खरीदने की खबरें गलत हैं, क्योंकि यह प्रणाली अभी विकास के चरण में है. भारत अपने Su-30 MKI लड़ाकू विमानों को और शक्तिशाली बनाने के लिए रूस से 200 किलोमीटर से अधिक मारक क्षमता वाली RVV-BD हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल खरीदना चाहता है. यह कदम पाकिस्तान के चीन निर्मित PL-15 मिसाइलों का जवाब देने के लिए उठाया जा रहा है, जिनका इस्तेमाल पाकिस्तान ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान किया था. RVV-BD या R-37 मिसाइलों को Su-30 MKI में एकीकृत करने के लिए विमान के ऑन-बोर्ड रडार को भी उन्नत करना होगा.

Su-57 और F-35 पर विचार

 भारतीय वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने रूस के पाँचवीं पीढ़ी के Su-57 लड़ाकू विमान खरीदने की संभावना पर विचार करने की बात कही है. हालांकि, सरकार ने अभी तक Su-57 या अमेरिकी F-35 विमान पर कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया है. एस-400 ट्रायम्फ प्रणाली ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अपनी ताकत साबित की. पाकिस्तान ने इस प्रणाली को चीनी हथियारों से बार-बार निशाना बनाया, लेकिन यह नाकाम रहा. 7 मई को हुए हमले के बाद पाकिस्तान को अपनी हवाई संपत्तियों को भारतीय सीमा से 300 किलोमीटर दूर ले जाना पड़ा. 10 मई को पाकिस्तानी विमानों ने शायद ही उड़ान भरी. एस-400 ने 314 किलोमीटर दूर एक पाकिस्तानी ELINT विमान को मार गिराया और F-16 व JF-17 जैसे लड़ाकू विमानों को भी नष्ट किया. यह प्रणाली न केवल एक शक्तिशाली हथियार है, बल्कि दुश्मन के हवाई हमलों के खिलाफ भी प्रभावी निवारक है.
 

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