भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) आज श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे लॉन्च पैड से LVM3-M6 रॉकेट के जरिए ब्लू बर्ड ब्लॉक-2 कम्युनिकेशन सैटेलाइट लॉन्च करने जा रहा है.
यह मिशन इसरो की कमर्शियल शाखा न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) और अमेरिकी कंपनी AST SpaceMobile के बीच हुए समझौते का हिस्सा है. 6,100 किलोग्राम वजनी यह सैटेलाइट LVM3 के इतिहास में लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) में पहुंचाया जाने वाला अब तक का सबसे भारी पेलोड है, जो पिछले रिकॉर्ड (LVM3-M5 मिशन में 4,400 किलोग्राम) को तोड़ता है.
यह अगली पीढ़ी का कम्युनिकेशन सैटेलाइट है, जो दुनिया भर में सामान्य स्मार्टफोन को बिना किसी अतिरिक्त उपकरण के हाई-स्पीड 4G और 5G ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है. सैटेलाइट में 223 वर्ग मीटर का विशाल फेज्ड एरे एंटीना लगा है, जो इसे LEO (लगभग 600 किमी ऊंचाई) में तैनात सबसे बड़ा कमर्शियल कम्युनिकेशन सैटेलाइट बनाता है.
यह ग्लोबल LEO नक्षत्र का हिस्सा होगा, जो वॉयस कॉल, वीडियो, टेक्स्ट और डेटा सेवाएं दूरदराज के इलाकों तक पहुंचाएगा. AST SpaceMobile ने सितंबर 2024 में ब्लू बर्ड 1-5 सैटेलाइट लॉन्च किए थे, जो अमेरिका और चुनिंदा देशों में निरंतर कवरेज दे रहे हैं. कंपनी ने 50 से अधिक मोबाइल ऑपरेटरों के साथ साझेदारी की है ताकि अरबों लोगों तक कनेक्टिविटी पहुंच सके.
LVM3, जिसे पहले GSLV Mk III कहा जाता था और अब 'बहुबली' के नाम से मशहूर है, 43.5 मीटर लंबा तीन-स्टेज हेवी-लिफ्ट रॉकेट है. इसमें दो S200 सॉलिड बूस्टर (विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर द्वारा विकसित), लिक्विड प्रोपेलेंट कोर स्टेज और क्रायोजेनिक ऊपरी स्टेज (लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम्स सेंटर द्वारा) शामिल हैं. उड़ान की अवधि करीब 15 मिनट होगी, जिसके बाद सैटेलाइट ऑर्बिट में अलग हो जाएगा. यह मिशन इसरो की कमर्शियल क्षमता को मजबूत करेगा, जो चंद्रयान-3 और वनवेब जैसे सफल अभियानों के बाद वैश्विक बाजार में भारत की स्थिति को और ऊंचा उठाएगा.
इसरो के चेयरमैन डॉ. वी. नारायणन और वरिष्ठ अधिकारियों ने मिशन की सफलता के लिए हाल ही में तिरुमाला के श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में प्रार्थना की. काउंटडाउन पहले ही शुरू हो चुका है और सभी तैयारियां अंतिम चरण में हैं. यह इसरो का 2025 का पांचवां लॉन्च और साल की 316वीं ऑर्बिटल लॉन्च अटेम्प्ट होगी. मिशन की लाइव स्ट्रीमिंग इसरो की आधिकारिक वेबसाइट और यूट्यूब चैनल पर उपलब्ध होगी.
यह मिशन दूरस्थ क्षेत्रों जैसे हिमालय, समुद्र और रेगिस्तानों में मोबाइल कनेक्टिविटी की क्रांति लाएगा. AST SpaceMobile का लक्ष्य अरबों अनकनेक्टेड लोगों को जोड़ना है. इसरो के लिए यह कमर्शियल सफलता का नया अध्याय है, जो भारत को विश्वसनीय और किफायती लॉन्च पार्टनर के रूप में स्थापित करता है. आने वाले समय में ऐसे और मिशन वैश्विक डिजिटल विभाजन को कम करने में मदद करेंगे.