Jairam Ramesh: नेहरू की चीन नीति पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर का बयान, कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने किया पलटवार

Jairam Ramesh: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने 'नेहरू की चीन नीति' पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर द्वारा दिए गए एक टिप्पणी को लेकर उनकी आलोचना करते हुए कहा कि जयशंकर ने सभी बौद्धिक ईमानदारी और निष्पक्षता खो दी है.

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Congress Leader Jairam Ramesh Attack On S Jaishankar: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने 'नेहरू की चीन नीति' पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर द्वारा दिए गए एक टिप्पणी को लेकर उनकी आलोचना करते हुए कहा कि जयशंकर ने सभी बौद्धिक ईमानदारी और निष्पक्षता खो दी है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स ( पूर्व में ट्विटर ) पर एक पोस्ट करते हुए कांग्रेस महासचिव ने दावा किया कि विदेश मंत्री एक 'नव-धर्मांतरित' व्यक्ति हैं, जो प्रधानमंत्री के साथ खुद को और अधिक प्रभावित करने के लिए नेहरू की आलोचना करते हैं.

जयराम रमेश ने अपने पोस्ट में आगे कहा कि जब भी मैं विद्वान और तेज-तर्रार विदेश मंत्री द्वारा नेहरू पर दिए गए बयानों को पढ़ता हूं, तो मैं केवल उन अनगिनत परिक्रमाओं को याद कर सकता हूं जो वह अपनी अच्छी पोस्टिंग के लिए नेहरूवादियों के आसपास करते थे. मैं समझ सकता हूं कि वह एक नव-धर्मांतरित व्यक्ति हैं जिन्हें इसमें शामिल होना है.

'ईमानदार लोगों को सिकुड़ना बेहद दुखद'

विदेश मंत्री एस. जयशंकर पर निशाना साधते हुए कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने अपने पोस्ट में कहा, "उनसे (विदेश मंत्री) झुकने की उम्मीद थी. लेकिन, वह अब रेंग रहे हैं. ईमानदारी वाले लोग सिकुड़ रहे हैं. ये बेहद दुखद है." यह प्रतिक्रिया तब आई जब जयशंकर ने अपने एक इंटरव्यू में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में शामिल होने के अमेरिकी प्रस्ताव को अस्वीकार करने को लेकर प्रधानमंत्री नेहरू के फैसले पर अपनी बात रखी. 

यहां तक ​​कि जब उदाहरण के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की सीट की बात आई, तो उन्होंने कहा, यह मेरा मामला नहीं है कि हमें आवश्यक रूप से सीट लेनी चाहिए थी. यह एक अलग बहस है, लेकिन यह कहना कि हमें पहले चीन को जाने देना चाहिए, चीन का हित पहले आना चाहिए जो जयशंकर ने अपने इंटरव्यू में कहा, ''यह एक बहुत ही अजीब बयान है.''

विदेश मंत्री ने 'चिंदिया नीति' पर भी चर्चा की 

विदेश मंत्री ने अपने इंटरव्यू के दौरान 'चिंदिया नीति' पर भी चर्चा की और कहा, "वैकल्पिक तनाव, जो नेहरू की पहली  चीन नीति से शुरू होता है. पहले चीन को सीट लेने दो, फिर हम भारत के लिए देखेंगे. चीन की पहली नीति से, यह चिंदिया नीति के रूप में समाप्त होती है."

"चिंदिया", एक विचार जो चीन और भारत के संयुक्त उदय को दर्शाता है, को कांग्रेस नेता जयराम द्वारा प्रचारित किया गया था, जिन्होंने 2014 में एशियाई दिग्गजों के बीच रचनात्मक सहयोग और प्रतिस्पर्धा का आह्वान किया था.
 वहीं, जयशंकर ने कहा, "आपको इस शब्द के आविष्कारक से पूछना चाहिए."