Jammu Road Collapse: जम्मू में भारी बारिश ने तबाही मचा दी है. तवी नदी पर बने चौथे पुल के पास सड़क का एक हिस्सा धंस गया. इस घटना से जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी शेयर किया जा रहा है. वीडियो में एक एसयूवी गड्ढे में फंसती दिख रही है. कई वाहन सड़क पर फंस गए. लोग चिल्लाकर एक-दूसरे को सुरक्षित स्थान पर जाने के लिए कहते नजर आए. भारी बारिश के कारण तवी नदी का जलस्तर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है.
बारिश की वजह से जम्मू और आसपास के क्षेत्रों में हालात बिगाड़ दिए हैं. तवी नदी तेजी से बह रही है. समाचार एजेंसी पीटीआई ने ढह चुके पुल के दृश्य साझा किए हैं. इनमें टूटे पुल के नीचे कारें डूबती दिख रही हैं. कठुआ के डीसी राजेश शर्मा ने बताया कि पिछले 36 घंटों से बारिश जारी है. सभी नदियों का जलस्तर खतरे के निशान को छू रहा है. एहतियातन स्कूल बंद कर दिए गए हैं. प्रशासन लोगों को सतर्क कर रहा है.
जम्मू-कश्मीर में बारिश के कारण कई पुल ढह गए. जिसमें बिक्रम चौक को जोड़ने वाली सड़क भी धस गया. उफनती तवी नदी ने इस क्षेत्र में भारी नुकसान पहुंचाया है. सड़क के धंसने से आवागमन पूरी तरह ठप हो गया है. प्रशासन ने वैकल्पिक मार्गों की व्यवस्था शुरू कर दी है. जम्मू और सांबा जिलों में बाढ़ग्रस्त नदियों और जलमग्न इलाकों से सैकड़ों लोगों को निकाला गया. भारतीय सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन ने बड़े पैमाने पर बचाव अभियान शुरू किया है. अधिकारियों ने बताया कि माता वैष्णो देवी तीर्थस्थल मार्ग पर अधकुंवारी में भूस्खलन के बाद राहत कार्य जारी हैं. इस भूस्खलन में नौ तीर्थयात्रियों की मौत हो गई थी, जबकि 21 अन्य घायल हुए.
The moment the Tawi bridge Jammu Collapsed.
— Ravinder Singh Robin ਰਵਿੰਦਰ ਸਿੰਘ ਰੌਬਿਨ (@rsrobin1) August 26, 2025
V- SM pic.twitter.com/BmEm6m8ubC
प्रशासन ने लोगों से निचले इलाकों से दूर रहने की अरली की है. वहीं फील्ड स्टाफ को तैनात किया गया है. जो लगातार लोगों को हर संभव मदद पहुंचाने की कोशिश में जुटे हैं. स्थानीय निवासियों को मौसम अपडेट और अलर्ट पर नजर रखने को कहा गया है. जम्मू में बारिश और बाढ़ ने जनजीवन को पूरी तरह प्रभावित किया है. सड़कों और पुलों को हुए नुकसान ने आवागमन को मुश्किल बना दिया है. माता वैष्णो देवी यात्रा पर भी असर पड़ा है. प्रशासन के सामने राहत और पुनर्वास की बड़ी चुनौती है. लोगों की सुरक्षा और सामान्य स्थिति बहाल करना अब प्राथमिकता है. यह प्राकृतिक आपदा क्षेत्र के लिए एक गंभीर चेतावनी है.