आज संसद में पेश होगी जेपीसी रिपोर्ट, असहमति नोटों पर बढ़ा विवाद

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद जगदंबिका पाल, संजय जायसवाल के साथ, रिपोर्ट (हिंदी और अंग्रेजी संस्करण) के साथ-साथ समिति के समक्ष दिए गए साक्ष्यों के रिकॉर्ड को प्रस्तुत करेंगे. जगदंबिका पाल ने विधेयक पर समिति की अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए गुरुवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात की.

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Courtesy: Social Media

Waqf Act: संसद में 31 जनवरी से बजट सत्र शुरू हो चुका है. इस सत्र में आज यानी सोमवार को वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 पर जगदंबिका पाल की अगुवाई वाली संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की रिपोर्ट सोमवार को संसद में पेश की जाएगी.

जानकारी के मुताबिक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद जगदंबिका पाल, संजय जायसवाल के साथ, रिपोर्ट (हिंदी और अंग्रेजी संस्करण) के साथ-साथ समिति के समक्ष दिए गए साक्ष्यों के रिकॉर्ड को प्रस्तुत करेंगे. जगदंबिका पाल ने विधेयक पर समिति की अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए गुरुवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात की.

अध्यक्ष के सामने प्रस्तुत करेंगे रिपोर्ट

जगदंबिका पाल ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हमने रिपोर्ट और संशोधित संशोधित विधेयक को स्वीकार कर लिया है. पहली बार हमने एक खंड शामिल किया है जिसमें कहा गया है कि वक्फ का लाभ हाशिए पर पड़े लोगों, गरीबों, महिलाओं और अनाथों को मिलना चाहिए. कल हम यह रिपोर्ट अध्यक्ष के समक्ष प्रस्तुत करेंगे.

पाल ने बताया कि  हमारे सामने 44 खंड थे, जिनमें से 14 खंडों में सदस्यों द्वारा संशोधन प्रस्तावित किए गए है. इसके लिए पहल मतदान किया गया और फिर इन संशोधनों को स्वीकार कर लिया गया. जेपीसी ने बुधवार यानी 29 जनवरी को मसौदा रिपोर्ट और संशोधित संशोधित विधेयक को स्वीकार कर लिया. हालांकि कुछ विपक्षी नेताओं ने रिपोर्ट पर अपनी असहमति के नोट भी प्रस्तुत किए. जेपीसी ने पहले वक्फ विधेयक 1995 को 14 खंडों और धाराओं में 25 संशोधनों के साथ मंजूरी दी है. संसद का बजट सत्र 31 जनवरी को शुरू हुआ. इस बार सत्र दो चरणों में  4 अप्रैल तक चलेगा.

असदुद्दीन ओवैसी का दावा

इसी बीच  एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने दावा किया कि जेपीसी रिपोर्ट पर उनके असहमति नोट के कुछ हिस्सों को हटा दिया गया है. उनके अनुसार उन्होंने केवल 'तथ्य बताए' हैं. मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि मैंने वक्फ विधेयक के खिलाफ जेपीसी को एक विस्तृत असहमति नोट प्रस्तुत किया था. यह चौंकाने वाला है कि मेरे नोट के कुछ हिस्सों को मेरी जानकारी के बिना संपादित किया गया. हटाए गए खंड विवादास्पद नहीं थे, उनमें केवल तथ्य बताए गए थे.

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