भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश पद के लिए न्यायमूर्ति सूर्यकांत का नाम प्रस्तावित

भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) भूषण आर. गवई ने सोमवार को अपने उत्तराधिकारी के रूप में सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठतम न्यायाधीश न्यायमूर्ति सूर्यकांत का नाम प्रस्तावित किया. गवई का कार्यकाल 23 नवंबर 2025 को खत्म हो जाएगा.

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Courtesy: X (@The___brahmans)

नई दिल्ली: भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) भूषण आर. गवई ने सोमवार को अपने उत्तराधिकारी के रूप में सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठतम न्यायाधीश न्यायमूर्ति सूर्यकांत का नाम प्रस्तावित किया. गवई का कार्यकाल 23 नवंबर 2025 को खत्म हो जाएगा. यह सिफारिश केंद्र सरकार के 23 अक्टूबर के पत्र के जवाब में आई, जिसमें परंपरा के अनुसार अगले सीजेआई के नाम का अनुरोध किया गया था.

न्यायमूर्ति गवई ने वरिष्ठता के आधार पर न्यायमूर्ति सूर्यकांत को चुना. प्रक्रिया ज्ञापन (एमओपी) के तहत, सर्वोच्च न्यायालय का सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश, जो इस पद के लिए उपयुक्त हो, मुख्य न्यायाधीश बनता है. सरकार द्वारा अधिसूचना जारी होने के बाद, न्यायमूर्ति सूर्यकांत 24 नवंबर से भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश बनेंगे. उनका कार्यकाल 9 फरवरी, 2027 तक लगभग 14 महीने का होगा.

न्यायमूर्ति सूर्यकांत का कैसा रहा करियर?

न्यायमूर्ति सूर्यकांत हरियाणा से पहले ऐसे व्यक्ति होंगे, जो देश के शीर्ष न्यायिक पद पर आसीन होंगे. उनका करियर प्रशासनिक कौशल और शैक्षणिक उपलब्धियों से भरा रहा है. मात्र 38 वर्ष की आयु में वे हरियाणा के सबसे युवा महाधिवक्ता बने. 2004 में, 42 वर्ष की आयु में, उन्हें पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किया गया. न्यायपालिका में सेवा के दौरान भी, उन्होंने पढ़ाई जारी रखी. 2011 में, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से उन्होंने कानून में प्रथम श्रेणी में स्नातकोत्तर की उपाधि हासिल की. अक्टूबर 2018 में, उन्हें हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश बनाया गया. फिर, मई 2019 में, उन्हें सर्वोच्च न्यायालय में पदोन्नत किया गया.

सक्षम और उपयुक्त उत्तराधिकारी

मुख्य न्यायाधीश गवई ने न्यायमूर्ति सूर्यकांत की प्रशंसा करते हुए कहा कि वे हर लिहाज से इस पद के लिए सक्षम हैं. उन्होंने दोनों की साझा पृष्ठभूमि पर जोर देते हुए कहा किन्यायमूर्ति सूर्यकांत और मैं समाज के उस वर्ग से आते हैं, जिसने जीवन में कई चुनौतियां देखी हैं. वे उन लोगों के दर्द को समझ सकते हैं, जो न्याय के लिए न्यायपालिका की ओर देखते हैं. न्यायमूर्ति सूर्यकांत अपनी विनम्रता, सहज स्वभाव और निष्पक्षता के लिए जाने जाते हैं. वे कानूनी कठोरता को सहानुभूति के साथ जोड़ते हैं. उन्हें उच्च न्यायालयों में, खासकर जिला न्यायपालिका के प्रदर्शन में एकरूपता लाने के लिए प्रशंसा मिली है. उनकी प्रशासनिक दक्षता ने न्यायिक प्रक्रियाओं को और मजबूत किया है.

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