आजकल कई युवा अचानक कई दिनों या हफ़्तों तक कब्ज़ की समस्या से परेशान दिखाई देते हैं. यह समस्या पहले ज़्यादातर बुज़ुर्गों में देखी जाती थी, लेकिन अब तेज़ रफ़्तार जीवनशैली, असंतुलित खान-पान और लंबी स्क्रीन टाइम आदतों के कारण यह युवाओं में तेजी से बढ़ रही है.
आज की युवा पीढ़ी जंक फ़ूड, सफ़ेद ब्रेड और प्रोसेस्ड स्नैक्स पर अधिक निर्भर है, जबकि फल, सब्ज़ियां और साबुत अनाज जैसे फ़ाइबर रिच खाद्य पदार्थ उनके रोज़मर्रा के भोजन में कम ही शामिल होते हैं. फ़ाइबर की कमी के कारण आंतें वेस्ट को आसानी से बाहर नहीं निकाल पातीं, जिससे मल सख़्त हो जाता है और मल त्याग अनियमित हो जाता है.
डिहाइड्रेशन कब्ज़ का एक और बड़ा कारण है. दिनभर पर्याप्त पानी नहीं पीना और उसकी जगह कॉफ़ी, चाय, कोल्ड ड्रिंक्स या एनर्जी ड्रिंक्स का सेवन करना समस्या को बढ़ाता है. पानी मल को नरम बनाता है, जिससे उसे बाहर निकालना आसान हो जाता है. पानी की कमी होने पर शरीर आंतों से नमी अवशोषित कर लेता है, जिससे मल और अधिक सख़्त हो जाता है.
लंबे समय तक बैठे रहना चाहे पढ़ाई के लिए हो, ऑफिस के काम के कारण, गेमिंग या मोबाइल पर घंटों स्क्रॉल करते रहने से आंतों की गति धीमी हो जाती है. शारीरिक गतिविधि आंतों को सक्रिय रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. जब शरीर स्थिर रहता है, तो पाचन प्रक्रिया भी धीमी पड़ जाती है.
अनियमित भोजन समय, नाश्ता छोड़ना, देर रात स्नैक्स खाना और फ़ास्ट फ़ूड पर निर्भर रहना भी पाचन को बिगाड़ते हैं. इसके अलावा, खाने के समय या बाथरूम में फोन का उपयोग दिमाग और पाचन तंत्र के नैचुरल कनेक्शन को बाधित कर देता है, जिससे मल त्याग की इच्छा दब जाती है. इसको खत्म करने के लिए आप कुछ उपाय को अपना सकते हैं. सबसे पहले आप अपने डाइट में फाइबर युक्त आहार शामिल करें, पर्याप्त पानी पिएं, एक्टिव रहें, नियमित समय पर भोजन करें, अच्छी नींद लें और तनाव मैनेज करें. ऐसा करने से आपको तुरंत आराम मिलेगा.