Death Anniversary: महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर जानें उनसे जुड़ी कुछ अनकही बातें

Mahatma Gandhi Death Anniversary: सत्य और अहिंसा के पुजारक महात्मा गांधी की आज 76वीं पुण्यतिथि है. महात्मा गांधी का निधन 30 जनवरी 1948 को हुआ था.

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Mahatma Gandhi Death Anniversary: आज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 76वीं पुण्यतिथि है. महात्मा गांधी सत्य और अहिंसा के पुजारक थे. महात्मा गांधी का निधन 30 जनवरी 1948 को हुआ था. इस दिन उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित जाती है और बापू को हम याद करते हैं. लेकिन यह बेहद जरूरी है कि इस दिन आप बापू को याद करने के साथ ही उनके आदर्श और महान विचारों को भी हम याद करें और उसे अपने जीवन में उतारने की कोशिश करें. 

राजनैतिक और आध्यात्मिक नेता

महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबन्दर में हुआ था. गांधी जी का पूरा नाम मोहनदास करमचन्द गांधी था. उन्होंने भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में अहम भूमिका निभाई थी. लोग उन्हें प्यार से बापू कहते थे. वो एक प्रमुख राजनैतिक और आध्यात्मिक नेता थे. 30 जनवरी 1948 जब गांधी ने शाम को प्रार्थना के लिए जा रहे थे, तभी नाथूराम गोडसे ने गांधी जी की गोली मारकर हत्या कर दी थी. माना जाता है कि गोडसे ने जिस बेरेटा हैंडगन का यूज किया वह एक असामान्य हथियार था.

अहिंसा के पुजारक

महात्मा गांधी ने पूरी दुनिया को अहिंसा परमो धर्म: का संदेश दिया. वो अहिंसावाद के पुजारक थे. गांधी जी धार्मिक ग्रंथों का पाठ किया करते थे, जिसका उनके जीवन पर गहरा प्रभाव भी पड़ा. इसके साथ ही बापू भजन भी सुना करते थे. गांधी ने अपने विचारों से दुनियाभर में एक प्रभावशाली छाप छोड़ी. विश्व में कई बड़े नैतिक और राजनीतिक नेताओं को भी प्रेरित किया. वे मानते थे कि किसी भी देश की सामाजिक, नैतिक और आर्थिक प्रगति शिक्षा पर ही निर्भर करती है. इसलिए उनका मानना था कि उचित शिक्षा के अभाव में चरित्र निर्माण संभव नहीं है.

हिंदू-मुस्लिम चाय का किस्सा

बापू से जुड़े कई ऐसे किस्से हैं, जो हमें आश्चर्यचकित करते हैं. कहा जाता है कि महात्मा गांधी, सुभाष चंद्र बोस के आंदोलन के तरिको से कभी सहमत नहीं होते थे. गांधी अहिंसा के माध्यम से देश को आजाद कराना चाहते थे और सुभाष बाबू किसी भी कीमत पर देश को आजाद करना चाहते थे. कहते हैं, एक बार आजाद हिन्द फौज के कुछ सैनिक दिल्ली के लाल किला में बंदी बना दिए गए थे. जब महात्मा गांधी उनसे मिलने वहां पहुंचे, तब सैनिकों ने बताया कि यहां पर हिंदू-मुस्लिम चाय बनती है. तभी बाहर से एक युवक आवाज लगाता है...हिंदू चाय आ गई है और मुस्लिम चाय आना अभी बाकी है. 

जिसपर गांधी को आश्चर्य हुआ और उन्होंने सवाल किया कि आप लोग इसके बाद इस चाय का क्या करते रहते हैं? आजाद हिंद फौज के सैनिकों ने कहा कि हम इन दोनों चाय को एक बड़े बर्तन में मिला देते हैं और उसके बाद उसे पी लेते हैं. तब महात्मा गांधी को झटका लगा. जिसके बाद उन्होंने वायसराय से कहा कि आप लोग यहां से चले जाएं और हम अपनी समस्याओं का समाधान खुद ढूंढ लेंगे. 

महान वैज्ञानिक आइंस्टीन के शब्द

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने अपने विचारों से पूरी दुनिया को सत्य, अहिंसा और प्रेम का मार्ग दिखाया. उनके विचारों से प्रभावित होकर महान वैज्ञानिक आइंस्टीन ने कहा था कि, ‘भविष्य की पीढ़ियों को इस बात पर यकीन करने में मुश्किल होगी कि हाड़-मांस से बना ऐसा इंसान कभी धरती पर आया था’