Maha Kumbh Stampede: प्रयागराज में लगे महाकुंभ में मौनी अमावस्या के अवसर पर 'दूसरे शाही स्नान' के दिन उम्मीद से ज्यादा भीड़ पहुंच गई. अनियंत्रित भीड़ ने भगदड़ जैसी स्थिति बना दी. हालांकि अभी तक मौत के आंकड़ों को लेकर सरकारी बयान नहीं आया है लेकिन माना जा रहा है कि अभी मृतकों की संख्या और भी ज्यादा बढ़ सकती है.
मिल रही जानकारी के मुताबिक इस भगदड़ में कई परिवार बिछड़ गए हैं, वहीं कई लोगों को होश भी नहीं आ पा रहा है. घटनास्थल पर एम्बुलेंस को मौके पर भेजा गया है. वहीं घायलों को कुंभ के सेक्टर 2 में बने एक अस्थायी अस्पताल में भर्ती कराया गया.
मिल रही जानकारी के मुताबिक संगम नोज पर पोल नंबर 11 और 17 के बीच हुई अप्रिय घटना के बाद अखाड़ा परिषद ने आज के अमृत (शाही) स्नान में भाग नहीं लेने का फैसला किया है. अधिकारियों ने सार्वजनिक घोषणा कर श्रद्धालुओं से संगम में डुबकी लगाने के बाद जगह खाली करने की अपील की है. हालांकि घायलों की संख्या की पुष्टि अभी नहीं हुई है, लेकिन वहां मौजूद लोगों से मिल रही जानकारी के मुताबिक अबतक 40 से भी ज्यादा लोग घायल हो चुके हैं. समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार कर्नाटक की सरोजिनी ने बताया कि हम दो बसों में 60 लोगों के समूह में आए थे. समूह में हम नौ लोग थे. अचानक भीड़ में धक्का-मुक्की होने लगी और हम फंस गए. हममें से कई लोग गिर गए और भीड़ अनियंत्रित हो गई. संगम और घाटों से प्राप्त तस्वीरों में हजारों की संख्या में श्रद्धालु गंगा में पवित्र स्नान करने के लिए एकत्रित होते दिख रहे हैं. बुधवार को मौनी अमावस्या के अवसर पर प्रयागराज में त्रिवेणी संगम पर 10 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के पवित्र स्नान करने की उम्मीद है.लेकिन शायद इससे भी ज्यादा श्रद्धालु आज मौनी अमावस्या के दिन पवित्र स्नान करने पहुंच गए.
मौनी अमावस्या को श्रद्धालुओं के लिए गंगा में पवित्र स्नान करने का सबसे शुभ दिन माना जाता है. जगतगुरु साईं मां लक्ष्मी देवी ने पीटीआई से कहा कि मौनी अमावस्या केवल हम संतों के लिए ही नहीं बल्कि सभी हिंदुओं और उन लोगों के लिए भी महत्वपूर्ण है जो अपनी आत्मा की बेहतरी और आध्यात्मिक विकास के लिए इस तिथि पर मौन व्रत रखते हैं. इस विशेष दिन से पहले, उत्तर प्रदेश सरकार ने भीड़ नियंत्रण के लिए सख्त उपाय लागू किए हैं. जिसमें नो-व्हीक्युलर ज़ोन और सेक्टर-वार प्रतिबंध शामिल हैं. इन उपायों का उद्देश्य आयोजन के दौरान भक्तों की सुचारू और व्यवस्थित आवाजाही सुनिश्चित करना है.