Manipur: एनएलएफ सशस्त्र समूह ने शांति समझौते पर किया हस्ताक्षर, हिंसा छोड़ने पर जताई सहमति

Manipur: मणिपुर के सबसे पुराना सशस्त्र समूह यूएनएलएफ हिंसा छोड़ने पर सहमत हो चुका है. यह मणिपुर में सबसे पुराना मैतेई विद्रोही समूह है, जिसकी स्थापना 24 नवंबर, 1964 में की गई थी.

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हाइलाइट्स

  • एनएलएफ सशस्त्र समूह ने शांति समझौते पर किया हस्ताक्षर
  • हिंसा छोड़ने पर जताई सहमति सशस्त्र समूह

Manipur: मणिपुर के सबसे पुराना सशस्त्र समूह यूएनएलएफ हिंसा छोड़ने पर सहमत हो चुका है. इस बात की जानकारी केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दी. उन्होंने बताया कि यूएनएलएफ ने एक शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. गृहमंत्री अमित शाह ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कुछ तस्वीरें शेयर करते हुए बताया,  "एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल हुई! पूर्वोत्तर में स्थायी शांति स्थापित करने के मोदी सरकार के अथक प्रयासों में एक नया अध्याय जुड़ गया है क्योंकि यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (यूएनएलएफ) ने आज नई दिल्ली में एक शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए.''  

यूएनएलएफ ने जताई सहमति: अमित शाह 

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि मणिपुर का सबसे पुराना घाटी स्थित सशस्त्र समूह यूएनएलएफ हिंसा को छोड़कर मुख्यधारा में शामिल होने पर सहमति जताई है. मैं लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में उनका स्वागत करता हूं और शांति और प्रगति के पाठ पर उनकी यात्रा के लिए शुभकामनाएं देता हूं. 

एक ऐतिहासिक उपलब्धि: शाह 

एक और पोस्ट करते हुए शाह ने कहा, "भारत सरकार और मणिपुर सरकार की और से यूएनएलएफ के साथ आज हस्ताक्षरित शांति समझौता 6 दशक लंबे सशस्त्र आंदोलन के अंत का प्रतीक है. यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सर्वसमावेशी विकास के दृष्टिकोण को साकार करने और पूर्वोत्तर भारत में युवाओं को बेहतर भविष्य प्रदान करने की दिशा में एक ऐतिहासिक उपलब्धि है."

प्रतिबंध लगाए जाने के कुछ दिन बाद हुआ समझौता

बता दें, कि गृह मंत्रालय ने कई अन्य चरमपंथी संगठनों के साथ यूएनएलएफ पर प्रतिबंध लगाया हुआ था. हिंदुस्तान टाइम्स  की रिपोर्ट के अनुसार, प्रतिबंध लगाए जाने के कुछ दिनों बाद यह शांति समझौता हुआ है. यह फैसला तब लिया गया जब केंद्र को लगा कि ये संगठन मणिपुर में सुरक्षा बलों, पुलिस और नागरिकों पर हमलों और हत्याओं के साथ-साथ भारत की संप्रभुता और अखंडता के लिए हानिकारक गतिविधियों में शामिल है. यूएनएलएफ मणिपुर में सबसे पुराना मैतेई विद्रोही समूह है, जिसकी स्थापना 24 नवंबर, 1964 में की गई थी.