PM Modi on Parliament Security Breach: संसद पर हुए आतंकी हमले की 22वीं बरसी पर नए बने संसद भवन में शीतकालीन सत्र के दौरान मचे हड़कंप और सुरक्षा में सेंध मामले पर विपक्ष लगातार केंद्र सरकार को घेर रही है. इस मामले पर पहले दिन से ही राजनीति की जा रही है. काँग्रेस और तमाम विपक्ष की ओर से लगातार मांग की जा रही है कि इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी को सदन में आकर बयान देना चाहिए. हालांकि अब तक प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है लेकिन एक अखबार से बात करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना पर दुख जताया है. उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच जरूरी है और साथ ही साथ इस केस के गहराई में जाना जरूरी है.
प्रतिरोध के बजाय इसकी गहराई में जाना जरूरी है- प्रधानमंत्री मोदी
संसद में सुरक्षा चूक को लेकर कटघरे में खड़ी सरकार के बारे में बोलते हुए और विपक्ष की राजनीति पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इस घटना पर वाद-विवाद या प्रतिरोध की जगह इसकी गहराई में जाना बेहद जरूरी है. उन्होनें कहा कि केवल ऐसा करने पर ही इस मामले का समाधान मिल सकेगा. उन्होंने इस घटना की गंभीरता पर ध्यान दिलाते हुए कहा कि किसी भी तरह कि राजनीति से संसद में हुई इस घटना की गंभीरता को कम नहीं आंका जाना चाहिए.
एक साथ आकर समाधान ढूँढना होगा- प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री ने इस घटना पर एकजुटता दिखाने की अपील करते हुए कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए इसकी जांच गहराई से होना जरूरी है. लोकसभा के स्पीकर ओम बिड़ला गंभीरता के साथ इस मामले को लेकर सभी जरूरी कदम उठा रहे हैं. उन्होंने बताया कि जांच एजेंसियों की तरफ से भी इस मामले की सख्ती से जांच की जा रही है.
इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने कहा कि इसके पीछे कौन से तत्व शामिल हैं. इसकी भी गहराई में जाना जरूरी है. साथ ही उन्होंने इस मुद्दे को राजनीति से दूर रखने और इस समय एकजुटता दिखने की बात करते हुए कहा कि 'इस मुद्दे का एक साथ आकर समाधान ढूंढना होगा. ऐसे विषय पर प्रतिरोध से सभी को बचना चाहिए'.
क्या हुआ था उस दिन जब..
13 दिसम्बर 2023, जब देश साल 2001 में इसी तारीख पर हुए संसद हमले की 22 वीं बरसी मना रहा था, प्रधानमंत्री इस दौरान शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दे रहे थे. तब उसी कुछ लोग खतरनाक इरादों के साथ एक बार फिर संसद भवन में दाखिल हो गये थे. नए बने संसद भवन की अभेद्य सुरक्षा व्यवस्था के दावे को अपने जूतों में छुपा कर चार आरोपी संसद में कुछ समय के लिए हंगामा मचा देते हैं. 22 साल पहले और इस साल भी जब ये घटना हुई तो संसद में शीतकालीन सत्र चल रहा था . शून्यकाल चल रहा था कि अचानक दर्शक-दीर्घा से दो आरोपी कूदकर आगे आ गये. अचानक हुई इस घटना से सभी सांसद सकते में आ गये. जब तक कोई कुछ समझ पाता, आरोपी बेंचों पर कूदते हुए आगे आने की कोशिश करने लगे.
इस दौरान स्पीकर ने तत्काल सत्र को कुछ देर के लिए स्थगित कर दिया. हालांकि कुछ सांसदों की सूझ-बुझ और समझदारी से सदन के भीतर मौजूद दोनों ही आरोपियों को पकड़ लिया गया. हालांकि इस बीच उस समय लोगों की साँसे थम गई थी जब खुद को घिरता देख दोनों आरोपी अपने जूतों की ओर झुके, उसमें से कुछ बॉटल निकाला और पूरे सदन में स्प्रे करने लगे. कुछ ही देर में पूरा सदन पीले रंग के धुएं की चादर में लिपटा हुआ था.
पहले तो लोगों को लगा कि ये कोई बारूद या कोई विस्फोटक है, लेकिन बाद में जानकारी आई कि ये एक स्माग अटैक था. आरोपी अपने साथ कलर स्माग की बॉटल लाए थे, जिसे आमतौर पर होली में इस्तेमाल किया जाता है. सदन के बाहर मौजूद दोनों आरोपियों ने भी इसी तरह का स्माग अटैक किया. हालांकि इस घटना से जुड़े सभी छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. जानकारी के अनुसार, इस अटैक की तैयारी करीब डेढ़ साल से की जा रही थी.