Vizhinjam International Port: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भारत के समुद्री क्षेत्र में एक नया इतिहास रचा जा रहा है. मोदी सरकार के तत्वधान में आज विझिनजाम अंतर्राष्ट्रीय बंदरगाह का उद्घाटन करेंगे. केरल के तिरुवनंतपुरम में स्थित यह बंदरगाह भारत का पहला विशेष कंटेनर ट्रांसशिपमेंट हब है, जो दक्षिण भारत को वैश्विक समुद्री व्यापार के नक्शे पर स्थापित करेगा. इस प्रोजेक्ट से न केवल केरल की अर्थव्यवस्था को बल्कि भारत के वैश्विक व्यापार को भी नई गति मिलेगी.
कंटेनर ट्रांसशिपमेंट हब को लगभग 8,867 करोड़ रुपये की लागत से अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन लिमिटेड (APSEZ) और केरल सरकार की सार्वजनिक-निजी भागीदारी से तैयार किया गया है. केरल के बंदरगाह मंत्री वीएन वासवन ने इसे ऐतिहासिक क्षण बताते हुए कहा कि आज सुबह 11 बजे पीएम मोदी इस बंदरगाह का उद्घाटन करेंगे. यह केरल और भारत के लिए गर्व का पल है.
विझिनजाम बंदरगाह अपनी रणनीतिक स्थिति और उन्नत सुविधाओं के कारण वैश्विक शिपिंग उद्योग में क्रांति लाने की क्षमता रखता है. इसकी विशेषताओं के बारे में बात करें तो यह उच्च परिचालन दक्षता वाला बंदरगाह है. विझिनजाम ने उद्घाटन से पहले ही 285 जहाजों का संचालन किया और 5.93 लाख टीईयू (ट्वेंटी-फुट इक्विवेलेंट यूनिट) संसाधित किए, जो अपेक्षाओं से कहीं अधिक है. इसके अलावा यह बंदरगाह कोलंबो और सिंगापुर जैसे विदेशी ट्रांसशिपमेंट हब पर भारत की निर्भरता को कम करेगा. बड़े कंटेनर जहाजों को सीधे संभालने की क्षमता से लगने वाले खर्चा को कम करेगा और व्यापार दक्षता में वृद्धि होगी.
एमएससी जैसी प्रमुख शिपिंग कंपनियां पहले से ही इस बंदरगाह की ओर आकर्षित हो रही हैं, जो पहले दुबई और कोलंबो जैसे केंद्रों को प्राथमिकता देती थीं. इस बंदरगाह प्रति वर्ष 30 लाख टीईयू संभालने के लिए डिज़ाइन किया गया है, लेकिन इसके मौजूदा प्रदर्शन से संकेत मिलता है कि यह 45 लाख टीईयू तक की क्षमता हासिल कर सकता है.
Tomorrow marks a historic moment as Shri Narendra Modi ji, the Hon’ble Prime Minister of India, dedicates the Vizhinjam International Seaport to the nation. This landmark project - the largest-ever state investment in any port in the country, with two-thirds of the cost borne by… pic.twitter.com/kPk0PVIWpU
— Pinarayi Vijayan (@pinarayivijayan) May 1, 2025
इसकी महत्व को समझने के बाद हम यह समझेंगे कि आखिर ट्रांसशिपमेंट हब होता क्या है? यह एक ऐसा बंदरगाह होता है, जहां कार्गो कंटेनरों को एक जहाज से दूसरे में स्थानांतरित किया जाता है. बड़े जहाज गहरे पानी वाले बंदरगाहों पर कंटेनर उतारते हैं, और फिर छोटे फीडर जहाज इन कंटेनरों को उन क्षेत्रीय बंदरगाहों तक ले जाते हैं, जहां बड़े जहाज नहीं पहुंच सकते. विझिनजाम का यह हब भारत के लिए इस प्रक्रिया को और अधिक कुशल बनाएगा.विझिनजाम बंदरगाह के शुरू होने से केरल में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलने की संभावना काफी ज्यादा बढ़ गई है. यह बंदरगाह भारत के निर्यात-आयात व्यापार को तेज करेगा और वैश्विक शिपिंग मार्गों में देश की हिस्सेदारी बढ़ाएगा. इसके अलावा, यह बंदरगाह दक्षिण भारत के अन्य बंदरगाहों के साथ समन्वय स्थापित कर क्षेत्रीय व्यापार को और बढ़ावा देगा.