प्रधानमंत्री मोदी का बिहार दौरा, पूर्णिया में करेंगे राष्ट्रीय मखाना बोर्ड का उद्घाटन, राज्य का होगा बड़ा फायदा

मखाना, जिसे प्रधानमंत्री ने कई बार 'सुपरफूड' बताया है, बिहार की पहचान है . देश के कुल मखाना उत्पादन का लगभग 90 प्रतिशत हिस्सा बिहार से आता है. मधुबनी, दरभंगा, सीतामढ़ी, सहरसा, कटिहार, पूर्णिया, सुपौल, किशनगंज और अररिया जैसे जिले मखाना उत्पादन के प्रमुख केंद्र हैं.

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Courtesy: Social Media

PM Modi in Bihar: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सोमवार को बिहार के पूर्णिया जिले में एक विशाल रैली को संबोधित करेंगे . इस दौरान वे 36,000 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का शुभारंभ करेंगे . इस यात्रा का सबसे बड़ा आकर्षण राष्ट्रीय मखाना बोर्ड का उद्घाटन होगा . इसके साथ ही, पूर्णिया में नवनिर्मित हवाई अड्डे के टर्मिनल का भी उद्घाटन किया जाएगा . 

मखाना, जिसे प्रधानमंत्री ने कई बार 'सुपरफूड' बताया है, बिहार की पहचान है . देश के कुल मखाना उत्पादन का लगभग 90 प्रतिशत हिस्सा बिहार से आता है . मधुबनी, दरभंगा, सीतामढ़ी, सहरसा, कटिहार, पूर्णिया, सुपौल, किशनगंज और अररिया जैसे जिले मखाना उत्पादन के प्रमुख केंद्र हैं . यहां की जलवायु और उपजाऊ मिट्टी मखाने की उच्च गुणवत्ता सुनिश्चित करती है . 

बजट में किया था ऐलान

प्रधानमंत्री ने X पर एक पोस्ट में कहा कि मखाना और बिहार का रिश्ता बहुत गहरा है. राष्ट्रीय मखाना बोर्ड के शुभारंभ से इस क्षेत्र के किसानों को बड़ा लाभ होगा. राष्ट्रीय मखाना बोर्ड की स्थापना की घोषणा केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2025-26 के बजट में की थी . 100 करोड़ रुपये के शुरुआती आवंटन के साथ, यह बोर्ड मखाना उद्योग को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा . बोर्ड का मुख्य लक्ष्य मखाना उत्पादन, प्रसंस्करण और विपणन को बढ़ावा देना है . यह विशेष रूप से बिहार पर केंद्रित होगा, जहां देश का 80% से अधिक मखाना पैदा होता है.

घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में मखाना

राष्ट्रीय मखाना बोर्ड का लक्ष्य मखाना उद्योग को आधुनिक बनाना है. नई तकनीकों के माध्यम से मखाना की गुणवत्ता और उत्पादन क्षमता बढ़ाई जाएगी. साथ ही मखाने से नए उत्पाद विकसित किए जाएंगे, जिससे इसका बाजार मूल्य बढ़ेगा. बोर्ड घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में मखाना को 'सुपरफूड' के रूप में प्रचारित करेगा. इसके लिए किसानों को प्रशिक्षण, वित्तीय सहायता और सरकारी योजनाओं तक पहुंच दी जाएगी. साथ ही, किसान उत्पादक संगठनों (FPO) के गठन को बढ़ावा दिया जाएगा. राष्ट्रीय मखाना बोर्ड मखाना किसानों के लिए एक वरदान साबित होगा. यह बोर्ड नई तकनीकों के विकास, कटाई के बाद बेहतर प्रबंधन और ब्रांड विकास पर ध्यान देगा. इससे मखाना उत्पादन बढ़ेगा और किसानों की आय में वृद्धि होगी. साथ ही, वैश्विक बाजार में मखाना की माँग बढ़ने से बिहार का नाम और चमकेगा . 

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