Punjab Politics: पंजाब में पंचायतें भंग करने का फैसला वापस लेने को लेकर विपक्षी सरकार पर निशाना साध रही है. इस बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने सीएम भगवंत मान पर हमला बोला है. पंचायतें भंग करने के फैसला वापस लेने को लेकर सिद्धू ने भगवंत मान सरकार पर कई सवाल खड़े किए हैं. सिद्धू ने ट्वीट कर लिखा है- सत्ता के लालच में चुनी हुई पंचायतों को तोड़ने का पंजाब सरकार का निरकुंश कदम उल्टा पड़ गया है. भगवंत मान आपने पंचायतों को महज सरकार के मोहरे के रूप में इस्तेमाल करने का प्रयास किया लेकिन माननीय उच्च न्यायालय ने आपके चेहरे पर जोरदार तमाचा मारा.
हिम्मत है तो लोकतांत्रिक तरीके से पंचायत चुनाव का ऐलान करें-
कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने अपने बयान में आगे लिखा है कि, ”अगर आप में हिम्मत है तो लोकतांत्रिक तरीके से पंचायत चुनाव की घोषणा करें. अगर आप सांसद और विधायक चुने गए हैं, लोगों द्वारा, भारत के संविधान में निहित 73 वें और 74 वें संशोधन की भावना का अपमान करके सरपंचों को क्यों नामांकित किया जा रहा है और उन्हें मोहरे के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है. चुनाव कराए और आपके घृणित तरीके उजागर हो जाएंगे. पंचायतें होनी चाहिए गांव के लोगों के प्रति जवाबदेह हैं, उनके प्रति नहीं जो उन्हें सत्ता के केंद्रीकरण के लिए नामांकित करते हैं”.
13 हजार गांवों और लोकतांत्रिक ढांचे की जीत-
कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने अपने लेटेस्ट ट्ववीट में आगे लिखा है कि, पंचायत संघ के सदस्यों मे मुझे धन्यवाद देने के लिए आज मेरे आवास पर मुलाकात की. मैंने बताया कि यह मेरा कर्तव्य है. विपक्षी के रूप में हमारा कर्तव्य लोकतंत्र की जमीनी स्तर की रक्षा करना है जो पंचायत से शुरू होती है. यह जीत पंजाब के 13000 गांवों के साथ-साथ लोकतांत्रिक ढांचे की जीत है.
विपक्ष के निशाने पर सीएम भगवंत मान-
आपको बता दें कि, पंजाब सरकार द्वारा पंचायतों को भंग करने का फैसला वापस लेने के बाद सीएम भगवंत मान विपक्षी दलों के निशाने पर आ गए है. पंजाब कांग्रेस के मुखिया अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने भी सीएम मान पर निशाना साधा था. उन्होंने पंजाब सरकार को पंचायतें भंग करने का फैसला वापस लेने को पंजाब सरकार के मुंह पर तमाचा बताया था. राजा वडिंग ने अपने बयान में कहा था कि लोकतंत्र की आवाज दबाने की पूरी कोशिश की गई लेकिन ये नहीं हो पाया.