Rajnath Singh: भारतीय वायु सेना के सुब्रतो पार्क में आयोजित एक भव्य समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गगनयान मिशन के लिए चुने गए चार अंतरिक्ष यात्रियों को सम्मानित किया. इन चार नायक में ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर, ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप, ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णन और विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला शामिल है. यह समारोह भारत के अंतरिक्ष इतिहास में एक ऐतिहासिक पल बन गया.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इन चारों अंतरिक्ष यात्रियों को 'भारत के रत्न' की उपाधि दी. उन्होंने कहा कि ये साहसी लोग भारत के अंतरिक्ष सपनों को हकीकत में बदल रहे हैं. उन्होंने गगनयान मिशन को भारत की आत्मनिर्भरता का प्रतीक बताया. इस मिशन से न केवल भारत की वैज्ञानिक क्षमता बढ़ेगी, बल्कि यह युवाओं को भी प्रेरित करेगा.
इस समारोह का आयोजन एक्सिओम-4 मिशन की सफलता के बाद हुआ, जिसमें विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला ने हिस्सा लिया था. यह मिशन अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष सहयोग में भारत की बढ़ती ताकत को दर्शाता है. शुभांशु की उपलब्धि ने भारत का गौरव बढ़ाया और गगनयान मिशन के लिए एक मज़बूत आधार तैयार किया. गगनयान मिशन भारत का पहला ह्यूमन अंतरिक्ष मिशन है. इसकी घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2018 में की थी. इस मिशन का लक्ष्य तीन अंतरिक्ष यात्रियों को 400 किलोमीटर ऊंची पृथ्वी की कक्षा में तीन दिनों तक भेजना है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अनुसार, यह मिशन 2027 में शुरू होगा. इससे पहले कई मानवरहित उड़ानें और सुरक्षा परीक्षण किए जाएंगे.
रक्षा मंत्री ने कहा कि गगनयान मिशन केवल एक अंतरिक्ष यात्रा नहीं है. यह आत्मनिर्भर भारत का प्रतीक है. उन्होंने बताया कि यह मिशन भारत की अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, रक्षा और वैज्ञानिक नवाचार में प्रगति को दर्शाता है. यह भारत को उन चुनिंदा देशों में शामिल करेगा, जो मानव को अंतरिक्ष में भेजने की क्षमता रखते हैं. राजनाथ सिंह ने जोर देकर कहा कि गगनयान मिशन युवाओं के लिए एक प्रेरणा बनेगा. यह मिशन भारत की वैश्विक स्थिति को और मजबूत करेगा. उन्होंने कहा कि ये चार अंतरिक्ष यात्री न केवल अंतरिक्ष में भारत का झंडा बुलंद करेंगे, बल्कि देश के सपनों को भी नई ऊंचाइयों तक ले जाएंगे." पिछले साल फरवरी 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तिरुवनंतपुरम के विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र में इन चार अंतरिक्ष यात्रियों के नामों की घोषणा की थी. तब से ये चारों कठिन प्रशिक्षण से गुजर रहे हैं. उनकी मेहनत और समर्पण भारत के अंतरिक्ष सपनों को सच करने की दिशा में एक बड़ा कदम है. गगनयान मिशन भारत के लिए एक नया अध्याय है. यह मिशन न केवल वैज्ञानिक उपलब्धि है, बल्कि भारत की एकता, साहस और नवाचार का प्रतीक भी है. इन चार अंतरिक्ष यात्रियों की कहानी हर भारतीय को गर्व से भर देगी.