'अगर हिंदू नहीं रहेगा तो...', मोहन भागवत ने मणिपुर में अपने बयान में आत्मनिर्भर भारत पर दिया जोर

मोहन भागवत ने मणिपुर में अपने संबोधन में कहा कि भारत की सभ्यता इसलिए बची है क्योंकि हिंदू समाज ने हमेशा एकजुट होकर समाज का ढांचा मजबूत किया है.

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नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने मणिपुर में अपने संबोधन के दौरान भारतीय सभ्यता की मजबूती और हिंदू समाज की भूमिका पर जोर देते हुए कहा कि दुनिया की कई पुरानी सभ्यताएं खत्म हो गईं, लेकिन भारत आज भी मजबूती से खड़ा है. उन्होंने कहा कि भारत की सभ्यता इसलिए टिकी हुई है क्योंकि हिंदू समाज ने समय के साथ एक मजबूत सामाजिक ढांचा बनाया है. 

अपने वक्तव्य में उन्होंने कहा कि अगर हिंदू समाज नहीं रहेगा तो दुनिया भी अपनी मूल दिशा खो देगी, क्योंकि धर्म का सही अर्थ और मार्गदर्शन हिंदू समाज ही देता है. मोहन भागवत मणिपुर के दौरे पर पहुंचे जहां उन्होंने समाज, सभ्यता और राष्ट्र की एकजुट शक्ति पर बात की. उन्होंने कहा कि दुनिया के कई देशों ने मुश्किल परिस्थितियों का सामना किया और कई सभ्यताएं समय के साथ समाप्त हो गईं.

भारत की सभ्यता के बारे में क्या कहा?

यूनान, मिस्र और रोम जैसे देशों का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि ये सभी कभी बहुत चमके, लेकिन बाद में खत्म हो गए. उन्होंने कहा कि भारत एक अमर सभ्यता है जो हजारों सालों से बनी हुई है और आगे भी बनी रहेगी. उन्होंने कहा कि भारत में समाज ने हमेशा एक ऐसा आधार बनाया है जिसके कारण हिंदू समाज का अस्तित्व बना रहा है. 

क्या है धर्म का सही अर्थ?

भागवत ने कहा कि धर्म का सही अर्थ और कर्तव्य का ज्ञान दुनिया को समय-समय पर हिंदू समाज देता रहा है. इसी कारण उन्होंने कहा कि हिंदू समाज का बने रहना पूरी दुनिया के लिए जरूरी है. अपने संबोधन में उन्होंने इतिहास का जिक्र करते हुए कहा कि ब्रिटिश साम्राज्य का सूर्य कभी अस्त नहीं होता था, लेकिन भारत ने यह संभव कर दिखाया. 

मोहन भागवत ने एकजुटता के बारे में क्या कहा?

उन्होंने कहा कि लंबे संघर्ष के बाद देश ने अंग्रेजों को बाहर जाने पर मजबूर किया और यह समाज की एकजुटता का बड़ा उदाहरण है. उन्होंने कहा कि नक्सलवाद जैसे बड़े संकट भी समाज की इच्छा शक्ति के कारण खत्म हो सकते हैं और कई क्षेत्रों में खत्म भी हुए. मोहन भागवत ने अर्थव्यवस्था पर भी जोर दिया और कहा कि भारत को पूरी तरह आत्मनिर्भर होना चाहिए. 

देश के बारे में उन्होंने क्या कहा?

उन्होंने कहा कि देश को आर्थिक, सैन्य और ज्ञान के स्तर पर मजबूत होना चाहिए ताकि किसी भी संकट का सामना आत्मविश्वास से किया जा सके. उन्होंने कहा कि हर नागरिक के जीवन में सुरक्षा, समृद्धि और रोजगार होना चाहिए. उन्होंने कहा कि जब समाज संगठित होता है तो देश मजबूत बनता है और हर व्यक्ति आनंद और सम्मान से जीवन जीता है.

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