S Jaishankar to Visit Moscow: अमेरिका के साथ चल रहे टैरिफ विवाद के बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर 20-21 अगस्त को रूस की राजधानी मॉस्को का दौरा करेंगे. वहां वे रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से मुलाकात करने वाले हैं. यह यात्रा बेहद ही खास है, क्योंकि यह मुलाकात वैश्विक कूटनीति के नाजुक दौर में हो रही है.
अमेरिका ने रूसी तेल खरीद को लेकर भारत पर 50% टैरिफ लगाया है. ऐसे में यह दौरा भारत-रूस संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में अहम है. भारत के विदेश मंत्री के मॉस्को यात्रा की जानकारी देते हुए रूसी विदेश मंत्रालय ने सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर किया है. जिसमें उन्होंने बताया कि 21 अगस्त को लावरोव और जयशंकर द्विपक्षीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर बात करेंगे.
टैरिफ विवाद के बीच दोनों नेता व्यापार, रक्षा, ऊर्जा और वैश्विक मंचों पर सहयोग जैसे विषयों पर चर्चा करेंगे. यह बैठक भारत-रूस के बीच रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करने का मौका देगी. यह मुलाकात हाल की कई उच्च स्तरीय बैठकों का हिस्सा है. जुलाई में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में जयशंकर और लावरोव मिले थे. इसके अलावा, जून में क़िंगदाओ में SCO रक्षा मंत्रियों की बैठक में भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रूसी समकक्ष आंद्रे बेलौसोव से बात की थी. जुलाई में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन और फरवरी में जोहान्सबर्ग में भी दोनों विदेश मंत्रियों की मुलाकात हुई थी. ये बैठकें भारत-रूस के मजबूत रिश्तों को दर्शाती हैं.
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, भारत और रूस के बीच रक्षा सहयोग पर गहन चर्चा हुई. इसमें S-400 मिसाइल सिस्टम की आपूर्ति, Su-30 MKI विमानों का उन्नयन और अन्य सैन्य उपकरणों की खरीद शामिल है. दोनों देश रक्षा और तकनीकी सहयोग को और बढ़ाने पर काम कर रहे हैं. यह सहयोग भारत की रक्षा क्षमता को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाएगा. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के तेल आयात पर टैरिफ के फैसले ने भारत-अमेरिका संबंधों में तनाव पैदा किया है. हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से फोन पर बात कर यूक्रेन संकट पर शांति और कूटनीति का समर्थन दोहराया. भारत ने ट्रंप और पुतिन की आगामी मुलाकात का भी स्वागत किया है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत शांति के लिए हर प्रयास का समर्थन करता है.