ICC World Cup Final: वर्ल्ड कप का फाइनल मैच खेला जा रहा अहमदाबाद में लेकिन भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर क्यों है माहौल गर्म

भारतीय टीम के धुरंधर खिलाड़ी और ओपनर शुभमन गिल के पैतृक गाँव में है जश्न का माहौल. हर कोई अपनी तरफ से कर रहा है भारतीय टीम की जीत की प्रार्थना

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ICC World Cup Final: आज यानि 19 नवंबर को गुजरात के अहमदाबाद में ICC वर्ल्ड कप का फाइनल मैच भारत और ऑस्ट्रेलिया के बिच खेला जायेगा। जिसे लेकर पूरा देश उत्साहित है. हर तरफ क्रिकेट के इस महापर्व को लेकर तैयारियां जोरों पर है. अभी तक वर्ल्ड कप में खेले गए सभी मैचों में भारतीय टीम अजेय रही है. ऐसे में भारत के वर्ल्ड कप की ट्रॉफी उठाने की सम्भावना सबसे ज्यादा है. यही वजह है कि अहमदाबाद में हो रहे इस फाइनल मैच के लिए हर भारतीय बेहद उत्साहित है. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कई राज्यों के मुख्यमंत्री भी इस मौके पर भारतीय टीम की हौसलाअफज़ाई के लिए अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में मौजूद रहेंगे. लेकिन इस सब के बीच अहमदाबाद से करीब 1000 किलोमीटर दूर पंजाब के फ़िरोज़पुर में स्थित चक खेड़ा वाला गांव में भी काफी हलचल है. यहां के लोग वर्ल्ड कप को लेकर काफी उत्साहित हैं. जिसकी वजह है इस गांव से भारतीय टीम का खास कनेक्शन. आइये जानते हैं कि आखिर चक खेड़ा वाला गाँव का क्या खास कनेक्शन है भारतीय क्रिकेट टीम से. 

भारत - पाक बॉर्डर का क्या है भारतीय क्रिकेट टीम से रिश्ता 

दरसअल भारतीय क्रिकेट टीम के धुआँधार बल्लेबाज और ओपनर शुभमन गिल मूल रूप से पंजाब के फ़िरोज़पुर स्थित चक खेड़ा वाला गाँव के रहने वाले हैं. हालांकि अब शुभमन और उनका पूरा परिवार चंडीगढ़ में रहते है. लेकिन अभी भी उनके परिवार के कुछ लोग चक खेड़ा वाला गाँव में ही रहते हैं. शुभमन के दादा सरदार दीदर सिंह और उनकी दादी गुरमेल सिंह अभी भी उनके पुश्तैनी गाँव में ही रहते हैं. गिल के परिवार की बात करें तो उनका परिवार जमींदार रहा है. आज भी उनके परिवार के पास अच्छी खासी जमीन है. तो यही वजहें हैं कि यहाँ के लोग अपने बेटे को भारतीय टीम में खेलता देख बेहद उत्साहित हैं. 

अपने पैतृक गाँव से शुभमन को है खास लगाव 
शुभमन गिल अपने पुश्तैनी गाँव से खास लगाव रखते हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अभी हाल में ही उन्होंने अपने पैतृक घर का रेनोवेशन भी कराया है. इस दौरान पुराने घर में काफी जगह तोड़फोड़ भी की गयी. लेकिन गिल की दादी ने सीमेंट की उस पट्टी को नहीं तोड़ने दिया, जहां गिल बचपन में प्रैक्टिस किया करते थे. शुभमन के करीबी और गांव वाले बताते हैं कि गिल 6 साल की उम्र से ही क्रिकेट खेलते थे. उनके दादा ने उन्हें बचपन में एक पैड , तीन बैट और करीब दर्जन भर गेंद लाकर दी थी. जिसे देख कर गिल बेहद खुश हो गए थे. 

फाइनल मैच की है पूरी तयारी 
शुभमन गिल के पुश्तैनी गाँव में वर्ल्ड कप के फाइनल मैच को लेकर तैयारियां काफी तेज है. भारतीय टीम के वर्ल्ड कप के फाइनल मैच जीतने के लिए हर कोई प्रार्थना कर रहा है. पाकिस्तान बॉर्डर से महज़ 8 किलोमीटर दूर स्थित इस गांव में हर कोई अपनी अपनी तरह से भारतीय टीम और गिल को शुभकामनाएं दे रहा है.