Dhananjaya Y Chandrachud: सुप्रीम कोर्ट प्रशासन ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर पूर्व मुख्य न्यायाधीश (CJI) धनंजय वाई चंद्रचूड़ से आधिकारिक बंगला तुरंत खाली करने की मांग की है. यह कदम अभूतपूर्व है.
सुप्रीम कोर्ट ने आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय को 1 जुलाई को पत्र लिखते हुए कहा गया कि पूर्व CJI चंद्रचूड़ अनुमति से अधिक समय तक बंगले में रह रहे हैं. पत्र में मंत्रालय से बंगला तुरंत खाली कराने की मांग की गई. नियमों के मुताबिक चंद्रचूड़ को 10 मई को ही उन्हें घर खाली करना था.
सुप्रीम कोर्ट के नियम 3बी के तहत, सेवानिवृत्त CJI को छह महीने तक टाइप VII आवास मिल सकता है. लेकिन चंद्रचूड़ टाइप VIII बंगले में रह रहे हैं. हालांकि यह समय खत्म हो चुका है. सुप्रीम कोर्ट ने इसे नियमों का उल्लंघन बताया. पत्र में कहा गया कि बंगला अब दूसरे जजों के लिए आवंटित होना चाहिए. न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने देरी के लिए व्यक्तिगत कारण बताए.
उन्होंने कहा कि उन्हें तुगलक रोड पर नया बंगला आवंटित हुआ है. लेकिन GRAP-IV के कारण इसका नवीनीकरण नहीं किया गया है. उन्होंने अपनी बेटियों की विशेष स्वास्थ्य जरूरतों का भी जिक्र किया. उनकी बेटियों को नेमालाइन मायोपैथी है, जिसका इलाज एम्स में चल रहा है. चंद्रचूड़ ने कहा कि वे जल्द ही बंगला खाली कर देंगे.
चंद्रचूड़ ने 18 दिसंबर 2024 को तत्कालीन CJI संजीव खन्ना से 30 अप्रैल 2025 तक बंगले में रहने की अनुमति मांगी थी. MoHUA ने 5,430 रुपये मासिक किराए पर इसे मंजूर किया. बाद में चंद्रचूड़ ने 31 मई तक मौखिक अनुमति ली. लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने और समय देने से इनकार कर दिया. सुप्रीम कोर्ट का यह पत्र असामान्य है. पूर्व CJI से बंगला खाली कराने की मांग दुर्लभ है. आमतौर पर सेवानिवृत्त जजों को कुछ अतिरिक्त समय मिलता है. लेकिन इस बार सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया.
पत्र में मंत्रालय से कब्जा लेने और पुष्टि करने को कहा गया है. न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ नवंबर 2022 से नवंबर 2024 तक CJI पद पर रहे. उनके बाद दो CJI, संजीव खन्ना और भूषण आर गवई, ने इस बंगले में जाने से मना कर दिया. वे अपने पुराने आवासों में रह रहे हैं. लेकिन अन्य जजों को बंगले की जरूरत है. कई जज हॉटल में रह रहे हैं. इस वजह से सुप्रीम कोर्ट ने यह कदम उठाया.