महाराष्ट्र की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ आया है जब चचेरे भाई उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे ने लगभग 20 वर्षों के बाद एक मंच पर आकर गठबंधन की औपचारिक घोषणा की. शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) अब बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) सहित राज्य के अन्य नगर निगम चुनावों में एकजुट होकर उतरेंगी. यह गठबंधन 15 जनवरी 2026 को होने वाले चुनावों के लिए एक नया समीकरण तैयार कर रहा है.
राज ठाकरे ने 2005 में अविभाजित शिवसेना छोड़कर मनसे की स्थापना की थी, जिसके बाद दोनों पार्टियों के बीच लंबे समय तक तीखी प्रतिद्वंद्विता रही. लेकिन हाल के महीनों में दोनों नेताओं ने कई मौकों पर एक साथ दिखाई दिया, जैसे हिंदी थोपने के विरोध में संयुक्त रैलियां. बुधवार को मुंबई में एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में दोनों नेताओं ने परिवार के साथ मंच साझा किया.
शिवसेना (UBT) के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने इसे 'शुभ शुरुआत' करार देते हुए कहा कि यह गठबंधन BMC और अन्य निगमों पर भगवा झंडा फहराने की दिशा में सकारात्मक कदम है. उद्धव ठाकरे ने कहा कि वे अब हमेशा के लिए एकजुट रहेंगे और 'मराठी मानुष' को सशक्त बनाना उनकी प्राथमिकता है.
उन्होंने कुछ ताकतों पर मुंबई को कमजोर करने का आरोप लगाया और चेतावनी दी कि आपसी झगड़े हुतात्माओं का अपमान होंगे. BJP के नारे 'बटेंगे तो कटेंगे' का जिक्र करते हुए उद्धव ने मराठी वोटरों से एकता की अपील की. उन्होंने अपने दादा प्रबोधनकर ठाकरे और पिता बालासाहेब ठाकरे की विरासत को याद किया, जो महाराष्ट्र और मुंबई की लड़ाई का प्रतीक रही है.
राज ठाकरे का केंद्र सरकार पर तंज
राज ठाकरे ने मौके का इस्तेमाल केंद्र की BJP नीत सरकार पर परोक्ष हमला करने के लिए किया. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र किसी विवाद से बड़ा है और इसे आंतरिक कलह से कमजोर नहीं किया जा सकता. बच्चों के अपहरण जैसे मुद्दों पर चिंता जताते हुए उन्होंने दो पार्टियों पर निशाना साधा.
राज ने घोषणा की कि राज्य लंबे समय से इस पल का इंतजार कर रहे था और अब शिवसेना (UBT)-मनसे गठबंधन औपचारिक रूप से बन चुका है. उन्होंने वादा किया कि मुंबई का महापौर मराठी होगा और उनकी पार्टियों में से ही चुना जाएगा. दोनों नेताओं ने बताया कि सीटों का बंटवारा जल्द ही घोषित किया जाएगा.