Criminal laws: आज पूरे देश में तीन नए आपराधिक कानून लागू हो हो रहे है. कानून की यह संहिताएं भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, भारतीय न्याय संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम है. इस नए कानूनों में कुछ धाराएं हटा दी गई हैं तो कुछ नई धाराएं जोड़ी भी गई है. इस कानून में नई धाराएं शामिल होने के बाद पुलिस, वकील और अदालतों के साथ आम लोगों के कामकाज में भी काफी कुछ बदल जाएगा. इस कानूनों के लागू होने ले सियासत भी तेज हो गई है और विपक्ष दलो ने इन नए कानूनों का विरोध किया है.
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने ट्वीट करके भारतीय न्याय संहिता के इन तीनों कानूनों पर रोक लगाने की मांग की है. मनीष तिवारी ने कहा ये पुलिसिया स्टेट की नींव डाली जा रही है. इस क्रिमिनल कानून से भारत को वेलफेयर स्टेट से पुलिस स्टेट बनाने की नींव रखेंगे. उन्होंने कहा कि संसद में इन कानूनों पर एक बार फिर से चर्चा हो उसके बाद ही कोई फैसला लिया जाए.
पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने अपने पोस्ट में लिखा, 'आईपीसी, सीआरपीसी और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह लेने वाले तीन आपराधिक कानून आज से लागू हो गए है. जबकि 90 से 99 प्रतिशत तथाकथित नए कानून कट, कॉपी और पेस्ट का काम है. एक ऐसा काम जो मौजूदा तीन कानूनों में कुछ संशोधनो के साथ पूरा किया जा सकता था, जिसे बेकार की कवायद में बदल दिया गया है. हां, नए कानूनों में कुछ सुधार हैं हमने उनका स्वागत किया है. उन्हें संशोधन के रूप में पेश किया जा सकता था है.
कांग्रेस नेता पी॰चिदंबरम ने कहा, कुछ बदलाव असंवैधानिक है. स्थायी समिति के सदस्य रहे सांसदों ने प्रावधानों पर गहन विचार-विमर्श किया है और तीनों विधेयकों पर विस्तृत असहमति नोट लिखे है. सरकार ने असहमति नोटों में की गई किसी भी आलोचना का खंडन या उत्तर नहीं दिया. इस कानून पर संसद में कोई सार्थक बहस नहीं हुई. कानूनविदों, बार एसोसिएशनों, न्यायाधीशों और वकीलों ने कई लेखों और सेमिनारों में तीन नए कानूनों की गंभीर कमियों की तरफ इशारा किया है. वही सरकार ने इन सवालों का कोई जवाब नहीं दिया.
एआईएमआईएम के मुखिया और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने अपना पुराना वीडियो एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, तीन नए आपराधि कानून आज से लागू हो जाएंगे. इनमे बड़ी समस्याओं के बावजूद सरकार ने समाधान के लिए कुछ भी नहीं किया है.
पुडुचेरी की पूर्व उपराज्यपाल और पूर्व आईपीएस अधिकारी किरण बेदी ने कहा, "इससे मुझे जो सबसे बड़ा लाभ दिखाई देता है, वह यह है कि इससे जवाबदेही, इसमे मुझे जो सबसे बड़ा लाभ दिखाई दे रहा है, वह यह है कि इससे जवाबदेही, पारदर्शिता, टेक्नोलॉजी, पीड़ितों के अधिकार, अदालतों में त्वरित सुनवाई.