'मैं खुद मजदूर का बेटा हूं' बोले सीएम मोहन यादव...ड्राइवर से ‘औकात’ पूछने वाले शाजापुर कलेक्टर का ट्रांसफर

मध्य प्रदेश के शाजापुर में ट्रक ड्राइवर से औकात पूछने वाले कलेक्टर को हटा दिया गया गया. जिसके बाद सीएम डॉ मोहन यादव ने कहा कि, 'मै खुद मजदूर का बेटा हूं. यह सरकार गरीबों की सरकार है. सबके काम का सम्मान होना चाहिए और भाव का भी सम्मान होना चाहिए.'

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मध्य प्रदेश के शाजापुर की एक घटना इन दिनों चर्चा में छाई हुई है. मध्य प्रदेश सरकार ने शाजापुर में एक ट्रक डाइवर्स से जुड़ी घटना को लेकर बड़ा एक्शन लिया है. दरअसल सीएम डॉ मोहन यादव ने ट्रक ड्राइवर से 'औकात' पूछने वाले कलेक्टर को हटा दिया है. शाजापुर कलेक्टर किशोर कन्याल को ड्राइवर से 'औकात' पूछने वाले बयान को लेकर के यह एक्शन लिया गया है. किशोर कन्याल को हटाएं जानें के बाद शाजापुर का नया कलेक्टर अब नरसिंहपुर कलेक्टर ऋजु बाफना को बनाया गया है.

मामले पर मध्य प्रदेश के सीएम डॉ मोहन यादव ने कहा, यह सरकार गरीबों की सरकार है. सबके काम का सम्मान होना चाहिए और भाव का भी सम्मान होना चाहिए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में हम गरीबों के कल्याण के लिए काम कर रहे हैं. हम लगातार गरीबों की सेवा कर रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा मनुष्यता के नाते ऐसी भाषा हमारी सरकार में बर्दाश्त नहीं. मैं खुद मजदूर परिवार का बेटा हूं. इस तरह की भाषा बोलना उचित नहीं है. अधिकारी भाषा और व्यवहार का ध्यान रखें.

बीते मंगलवार को ट्रक ड्राइवर्स हड़ताल कर रहे थे. जिसके बाद शाजापुर के कलेक्टर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया, जिसमें कलेक्टर साहब एक मीटिंग के दौरान एक ड्राइवर से 'औकात' पूछते नजर आ रहे हैं. बाद में कलेक्टर किशोर कान्याल ने इस शब्द के इस्तेमाल को लेकर अफसोस प्रकट किया था.

बता दें, ड्राइवर यूनियन के प्रतिनिधियों के साथ मीटिंग के दौरान कलेक्टर अपना आपा खो बैठे थे. जिसके बाद वो वायरल वीडियों में कहते सुनाई देते है.

मामले पर जिलाधिकारी किशोर कन्याल ने सफाई भी दी. कलेक्टर ने कहा, ''जिला और पुलिस प्रशासन ने जिले के 250 ड्राइवर्स की मीटिंग बुलाई थी. दरअसल, सोमवार को उनमें से कई ड्राइवर्स ने काफी उपद्रव मचाया था. इसी के चलते कलेक्टर ऑफिस में मीटिंग बुलाकर ड्राइवर्स को समझाइश दी जा रही थी कि कानून को हाथ में न लें. प्रजातांत्रिक तरीके से अपना विरोध जताएं. इसी दौरान मीटिंग में शामिल एक शख्स बार-बार पर खलल डाल रहा था और कह रहा था कि 3 जनवरी तक मांगें नहीं मानी तो हम किसी भी स्तर पर जा सकते हैं. उसी दौरान यह शब्द मेरे मुंह से निकल गए गए थे. यदि किसी को मेरी बातचीत से दुख पहुंचा हो तो माफी चाहता हूं.'' कलेक्टर किशोर कन्याल ने मामले को लेकर माफी भी मांगी.