PM मोदी की चीन यात्रा से पहले भारत आएंगे चीनी विदेश मंत्री वांग यी? सीमा विवाद पर अजित डोभाल से चर्चा संभव

चीनी विदेश मंत्री वांग यी इस सप्ताह भारत आ सकेत हैं. मीडिया रिपोर्ट से मिली जानकारी के मुताबिक इस यात्रा के दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ सीमा विवाद पर विशेष प्रतिनिधि तंत्र के तहत चर्चा किया जाएगा.

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Courtesy: Social Media

India-China Relations: भारत और चीन के बीच तनाव कम करने की दिशा में एक और कदम बढ़ता दिख रहा है. मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, चीनी विदेश मंत्री वांग यी इस सप्ताह भारत आ सकते हैं. उनकी इस यात्रा का मकसद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ सीमा विवाद पर विशेष प्रतिनिधि तंत्र के तहत चर्चा करना है. 

वांग यी की भारत यात्रा में पूर्वी लद्दाख में लंबे समय से चले आ रहे सीमा विवाद पर बातचीत होगी. 2020 में गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प, जिसमें 20 भारतीय सैनिक और कई चीनी सैनिक मारे गए थे, के बाद दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर था. हालांकि, पिछले साल अक्टूबर में कज़ान में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात ने संबंधों को स्थिर करने में मदद की. दोनों नेताओं ने सीमा पर शांति बहाली और देपसांग क्षेत्र में गश्त फिर से शुरू करने पर सहमति जताई थी. वांग यी की यात्रा से इस दिशा में और प्रगति की उम्मीद है.

क्या फिर शुरू होंगी सीधी उड़ानें?

ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत और चीन अगले महीने से सीधी उड़ानें फिर से शुरू कर सकते हैं. दोनों देशों के बीच तनाव के कारण 2020 से उड़ानें बंद थीं. हाल के महीनों में तनाव में कमी और आपसी विश्वास बढ़ाने के प्रयासों के बाद यह कदम उठाया जा सकता है. इसके अलावा, जून में दोनों देशों ने कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू करने, वीज़ा प्रक्रिया को आसान करने और अंतरराष्ट्रीय नदियों के डेटा साझा करने पर सहमति जताई थी. पिछले महीने, चीन में भारतीय दूतावास ने घोषणा की थी कि भारत चीनी नागरिकों के लिए पर्यटक वीज़ा फिर से जारी करेगा. जून में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बीजिंग में एससीओ मंत्रिस्तरीय बैठकों में हिस्सा लिया था. जयशंकर ने इस दौरान राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात कर द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने पर जोर दिया.

मोदी की चीन यात्रा का महत्व

प्रधानमंत्री मोदी की इस महीने तियानजिन में होने वाली एससीओ शिखर सम्मेलन की यात्रा 2018 के बाद उनकी पहली चीन यात्रा होगी. इस दौरान उनकी मुलाकात राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अन्य विश्व नेताओं से होने की उम्मीद है. यह यात्रा दोनों देशों के बीच विश्वास बहाली और सहयोग बढ़ाने का एक और अवसर होगी. भारत और चीन के बीच संबंधों में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है. सीमा पर शांति, उड़ानों की बहाली और लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने के प्रयास दोनों देशों के लिए फायदेमंद हो सकते हैं. वांग यी की संभावित यात्रा और मोदी की चीन यात्रा से यह उम्मीद जगी है कि दोनों देश आपसी मतभेदों को बातचीत के जरिए सुलझाने के लिए प्रतिबद्ध हैं.

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