पंजाब बाढ़ में मान सरकार ने संभाली कमान, गर्वभती महिलाओं और नवजातों के लिए बनी सुरक्षा ढाल

मान सरकार ने बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में तुरंत राहत पहुंचाई. नाभा, पठानकोट, गुरदासपुर, फिरोजपुर और फाजिल्का जैसे जिलों में आप पार्टी की युवा और महिला विंग सक्रिय हुई. कार्यकर्ताओं ने गांव-गांव जाकर राशन, भोजन और दवाइयां बांटीं. महिलाओं और बच्चों की जरूरतों को प्राथमिकता दी.

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Courtesy: Social Media

Bhagwant Mann Government: पंजाब में बाढ़ ने दशकों पुरानी यादें ताजा कर दीं. भारी बारिश और बांधों से पानी छोड़ने से सतलुज, ब्यास और रावी नदियां उफान पर आ गईं. 23 जिलों के 1,900 से ज्यादा गांव डूब गए. 3. 54 लाख से अधिक लोग बेघर हो चुके हैं. 48 लोगों की जान जा चुकी है, लाखों एकड़ जमीन बाढ़ में डूबने से फसलें बर्बाद हो गईं. मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार ने संकट में कंधे से कंधा मिलाया. खासकर गर्भवती महिलाओं की सुरक्षा पर जोर दिया. हर मां और बच्चे को सुरक्षित रखने के लिए विशेष कदम उठाए गए.

मान सरकार ने बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में तुरंत राहत पहुंचाई. नाभा, पठानकोट, गुरदासपुर, फिरोजपुर और फाजिल्का जैसे जिलों में आप पार्टी की युवा और महिला विंग सक्रिय हुई. कार्यकर्ताओं ने गांव-गांव जाकर राशन, भोजन और दवाइयां बांटीं. महिलाओं और बच्चों की जरूरतों को प्राथमिकता दी. राहत शिविरों में सैनिटरी पैड और मच्छरदानी वितरित की गईं. इससे महिलाओं को स्वच्छता और स्वास्थ्य की चिंता कम हुई. 11,103 से ज्यादा आशा कार्यकर्ता घर-घर पहुंचीं. उन्होंने दवाइयां दीं. जलजनित बीमारियों से बचाव की सलाह दी. गर्भवती महिलाओं की ट्रैकिंग की. टीकाकरण में कोई रुकावट न आने दी.

चिकित्सा सेवाओं का मजबूत नेटवर्क

स्वास्थ्य विभाग ने कमर कस ली है. राहत कार्य के लिए 458 रैपिड रिस्पांस टीमें तैनात किए गए हैं. 360 मोबाइल मेडिकल यूनिट और 424 एम्बुलेंस सक्रिय रहीं . बोट एम्बुलेंस से प्रसव सुविधाएं पहुंचाईं गई. विशेष चिकित्सा शिविर लगाए. यहां प्रसव पूर्व जांच और दवाइयां मुफ्त दिए गए. गुरदासपुर में बोट एम्बुलेंस और हेलीकॉप्टर से गंभीर मरीजों को बचाया. आठ गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित निकाला. इनमें एक ने बोट पर ही डॉक्टरों की निगरानी में स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया. एनडीआरएफ की टीमें भी राहत कार्य में जुटी रही. सिविल सर्जन डॉ. राजविंदर कौर ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह के निर्देश पर हर संभव मदद की जा रही. टेंडी वाला से मंजीत कौर और कालू वाला से मनप्रीत कौर को बचाकर अस्पताल पहुंचाया गया. दोनों ने सुरक्षित डिलीवरी हुई. 108 एम्बुलेंस सेवा निःशुल्क चली.

सीमावर्ती गांवों में आशा की किरण

सतलुज नदी के किनारे भारत-पाक सीमा पर सीमावर्ती गांव सबसे ज्यादा प्रभावित रही. यहां स्वास्थ्य विभाग ने कमाल दिखाया. 45 चिन्हित गर्भवती महिलाओं में से पिछले हफ्ते चार ने बच्चे पैदा किए. इनमें से तीन सरकारी अस्पतालों में और एक निजी केंद्र पर डिलवरी हुई. एनडीआरएफ ने बचाव कार्य तेज किया. आप टीम ने वादा निभाया. कोई रसोई बिना भोजन न रहे, कोई महिला स्वच्छता उत्पादों से वंचित न हो इसके लिए 300 अस्पतालों में 24 घंटे सेवाएं चलीं. महिलाओं के लिए विशेष सुविधाएं बनीं. मान सरकार ने साबित किया कि संकट में मानवता पहले और राजनीति बाद में. महिलाओं की बुनियादी जरूरतों पर फोकस किया गया. सैनिटरी नैपकिन से लेकर प्रसूति देखभाल तक सब कुछ सुनिश्चित किए गए. पशुओं को भी बचाया गया. 16 लाख से ज्यादा पशु सुरक्षित किए गए. वहीं किसानों को 20,000 रुपये प्रति एकड़ मुआवजा दिए जाने का ऐलान किया गया. इस दौरान आप महिला विंग ने मोर्चा संभाला. मंत्री इलाकों का दौरा कर रहे है. यह पहल महिलाओं को ताकत दे रही हैं.

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