पंजाब पुलिस की अनोखी पहल, दशहरे के अवसर पर जलाया ‘नशे के दानव’ का पुतला

दशहरे पर पंजाब पुलिस ने रावण, मेघनाथ और कुंभकरण के साथ 'नशे के दानव' का पुतला जलाकर एक अनोखा संदेश दिया. मुख्यमंत्री भगवंत मान की ‘युद्ध नशे विरुद्ध’ मुहिम के तहत इस प्रतीकात्मक कदम ने पूरे राज्य में भावनात्मक प्रभाव छोड़ा.

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Courtesy: aap

इस बार दशहरा पंजाब के लिए सिर्फ बुराई पर अच्छाई की जीत का त्योहार नहीं था, बल्कि नशे के खिलाफ़ एक नई शुरुआत का प्रतीक बन गया. जब जालंधर और अन्य जिलों में रावण के साथ 'नशे के दानव' का पुतला जला, तो यह दृश्य किसी धार्मिक रस्म से अधिक एक सामाजिक क्रांति जैसा था — एक ऐसी ज्वाला, जिसमें पंजाब की बर्बाद होती पीढ़ियों का दर्द और पुलिस का दृढ़ संकल्प दोनों जल उठे.

‘नशे का दानव’ जला, पंजाब ने लिया संकल्प

जालंधर समेत कई जिलों में दशहरे के मंचों पर इस बार एक चौथा राक्षस खड़ा था — “नशे का दानव”. मुख्यमंत्री भगवंत मान के निर्देश पर पंजाब पुलिस ने इसे ‘युद्ध नशे विरुद्ध’ अभियान के तहत प्रतीकात्मक रूप से जलाया. जैसे ही आग की लपटें ऊपर उठीं, भीड़ में मौजूद लोगों ने ताली बजाकर इस सामाजिक पहल का स्वागत किया. यह सिर्फ पुतला दहन नहीं था, बल्कि पंजाब की आत्मा की पुकार थी — नशे से आज़ादी की.

पुलिस के लिए भावनात्मक क्षण, अधिकारी बोले– यह हमारे दिल का दर्द था

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, “जब यह पुतला जल रहा था, तो ऐसा लगा जैसे हमारे दिल का बोझ हल्का हो रहा है. हम रोज़ देखते हैं, कैसे नशा युवाओं की जान लेता है. लेकिन आज हमने कसम खाई है कि यह आग सिर्फ आज के लिए नहीं, बल्कि तब तक जलेगी जब तक नशे का नामोनिशान खत्म नहीं हो जाता.” पुलिस बल के कई कर्मियों की आंखें इस दृश्य को देखकर नम हो गईं — यह उनके पेशे से जुड़ा संघर्ष नहीं, बल्कि इंसानियत की पुकार थी.

‘युद्ध नशे विरुद्ध’ बना जनआंदोलन

मान सरकार की मुहिम अब सिर्फ सरकारी फाइलों तक सीमित नहीं रही. पिछले महीनों में पंजाब पुलिस ने हजारों तस्करों को गिरफ्तार किया, उनकी अवैध संपत्तियों पर बुलडोजर चलाए और करोड़ों की हेरोइन जब्त की. लेकिन यह पुतला दहन बताता है कि लड़ाई केवल कार्रवाई की नहीं, मानसिक और सामाजिक जागरूकता की भी है. अब पुलिस चाहती है कि लोग इस मुहिम का हिस्सा बनें और नशे के खिलाफ़ इस आग को बुझने न दें.

नई सुबह की उम्मीद: 'रंगला पंजाब' की ओर कदम

‘नशे के दानव’ के दहन ने लोगों के दिलों में उम्मीद की नई लौ जलाई है. जिस तरह राम की विजय के बाद रावण का पुतला जलता है, उसी तरह यह घटना पंजाब के नशामुक्त भविष्य की शुरुआत बन सकती है. यह मुहिम एक सरकार की नहीं, बल्कि समाज की लड़ाई है. पंजाब की जनता ने इस आग में अपनी उम्मीदें डाली हैं — एक ऐसे कल की उम्मीद, जहां फिर से “रंगला पंजाब” मुस्कुराएगा.

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