चंडीगढ़: पंजाब की स्वास्थ्य व्यवस्था में बड़ा बदलाव आया है. मुख्यमंत्री भगवंत मान की AAP सरकार ने माताओं और बच्चों की देखभाल को प्राथमिकता देते हुए 45 MCCCs (Maternal and Child Care Centres) शुरू करने का लक्ष्य रखा है.
इनमें से 35 केंद्र पहले ही चालू हो चुके हैं. इन केंद्रों का उद्देश्य माताओं की मृत्यु दर कम करना और नवजात शिशुओं को सुरक्षित शुरुआत देना है. यह पहल ‘रंगला पंजाब’ बनाने के सपने को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.
सरकार ने 45 MCCCs बनाने का लक्ष्य रखा है, जिनमें से 35 केंद्र पहले ही चालू हैं. ये केंद्र केवल नई बिल्डिंग नहीं हैं, बल्कि आधुनिक और सुरक्षित स्वास्थ्य सेवाओं के लिए तैयार हैं. उदाहरण के लिए, मानसा में बुढलाडा केंद्र ₹5.10 करोड़ की पारदर्शिता के साथ बनाया गया. इस तरह के केंद्र गाँवों और छोटे शहरों में स्वास्थ्य सुविधा सीधे लोगों तक पहुँचाते हैं.
हर MCCC में माताओं और बच्चों के लिए सुरक्षित डिलीवरी, प्रसव पूर्व और पश्चात देखभाल, नवजात शिशु की देखभाल और खतरे वाली माताओं की निगरानी जैसी सुविधाएँ उपलब्ध हैं. इन केंद्रों को खासतौर पर उन इलाकों में बनाया गया है जहाँ एनीमिया और स्वास्थ्य संबंधी कमजोरियाँ अधिक हैं. इससे अब गाँवों में भी गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध हो रही है.
सरकार ने MCCCs के साथ-साथ 800 से अधिक AACs का जाल बिछाया है. इन क्लीनिकों में 80 प्रकार की मुफ्त दवाइयाँ और 41 तरह के टेस्ट उपलब्ध हैं. AACs सामान्य स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करते हैं, जबकि MCCCs विशेष देखभाल और सुरक्षित प्रसव की सुविधा देते हैं. हाल ही में गर्भवती महिलाओं के लिए मुफ्त परीक्षण शुरू किया गया, जिससे MCCCs पर बोझ कम हुआ.
मुख्यमंत्री भगवंत मान समय-समय पर MCCCs और अस्पतालों का निरीक्षण करते हैं. इस तरह की निगरानी से स्टाफ की कमी और अन्य समस्याएँ तुरंत हल हो जाती हैं. ₹5.10 करोड़ जैसे निवेश से पूरी तरह कार्यशील और 24 घंटे चलने वाली सेवाएँ सुनिश्चित होती हैं. यह स्पष्ट करता है कि पंजाब सरकार केवल निर्माण नहीं बल्कि गुणवत्ता और जवाबदेही पर भी ध्यान दे रही है.
शेष MCCCs को जल्दी पूरा करने के लिए सरकार लगी हुई है. 45 केंद्रों का पूरा नेटवर्क राज्य में माताओं और बच्चों की स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करेगा. AAP सरकार का यह कदम पंजाब में स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए एक मिसाल साबित हो रहा है, जो पूरे देश के लिए उदाहरण बन सकता है. इससे राज्य में हर माँ और बच्चे का भविष्य सुरक्षित और उज्जवल बन रहा है.