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मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में शुरू हुए "ज़िला-स्तरीय सुधार" और ‘फास्टट्रैक पंजाब पोर्टल’ ने कामकाज की रफ़्तार को रॉकेट जैसी गति दी है. यह सुधार न केवल प्रशासनिक दक्षता का उदाहरण है, बल्कि पंजाब की आत्मा को नई ऊर्जा दे रहा है.
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने समझा कि असली तरक्की सड़कें या इमारतें नहीं, बल्कि आम नागरिक की सहज ज़िंदगी है. पहले पंजाब में नया उद्योग शुरू करना किसी जंग से कम नहीं था—भ्रष्टाचार, देरी और रिश्वत की जटिलता ने छोटे व्यापारियों का मनोबल तोड़ रखा था. लेकिन अब हालात पूरी तरह बदल चुके हैं. ज़िला-स्तरीय सुधारों ने सरकारी प्रक्रियाओं को सरल और पारदर्शी बनाया है. नतीजा यह है कि हर छोटे उद्यमी को अब सम्मान और सुविधा दोनों मिल रही हैं.
29 मई 2025 को लॉन्च हुआ ‘फास्टट्रैक पंजाब पोर्टल’ मान सरकार की पारदर्शिता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक है. इस पोर्टल की मदद से उद्योगों के लिए आवश्यक मंज़ूरियाँ घर बैठे ऑनलाइन मिल रही हैं. फरवरी 2025 में लंबित 8,075 आवेदन अब घटकर सिर्फ 283 रह गए हैं—यानी 96% की कमी. ज़िला स्तर पर यह निपटान दर 98% तक पहुँची है. ₹21,700 करोड़ की परियोजनाएँ आकर्षित करने वाला यह पोर्टल पंजाब के निवेश वातावरण में नई जान फूंक रहा है.
पोर्टल के ज़रिए निवेशकों को अब ₹125 करोड़ तक की परियोजनाओं की स्वीकृति शीघ्र मिलती है. औद्योगिक पार्क के भीतर मंज़ूरी पाँच दिनों में और बाहर की परियोजनाओं को 15 से 18 दिनों में दी जाती है. पहले जहाँ एक छोटा उद्योग लगाने में महीनों लग जाते थे, अब केवल कुछ दिनों में काम पूरा हो रहा है. यह बदलाव न केवल औद्योगिक वृद्धि को बढ़ा रहा है बल्कि युवाओं के आत्मविश्वास को भी नई ऊँचाई दे रहा है.
फास्टट्रैक पोर्टल का सबसे बड़ा फायदा सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) को मिला है. पहले जहाँ 15 से 20 तरह की मंज़ूरियाँ लेनी पड़ती थीं, अब उनकी संख्या घटकर सिर्फ 5-6 रह गई है. इससे न केवल प्रक्रिया आसान हुई है बल्कि भ्रष्टाचार पर भी अंकुश लगा है. छोटे कारीगर और स्थानीय व्यवसायी अब बिना पैरवी और रिश्वत के अपने सपनों को साकार कर पा रहे हैं. यह दक्षता अब कागज़ों पर नहीं, ज़मीन पर नज़र आ रही है.
पहले लुधियाना और मोहाली जैसे शहर ही निवेश का केंद्र थे, लेकिन अब मान सरकार की समान विकास नीति से औद्योगिक लहर हर ज़िले तक पहुँच चुकी है. यह सुधार न सिर्फ ‘Ease of Doing Business’ की रैंकिंग सुधार रहे हैं बल्कि पंजाब के हर नागरिक में आशा जगा रहे हैं. गाँवों और छोटे शहरों में भी रोजगार के अवसर बढ़े हैं, जिससे युवाओं का पलायन घट रहा है. पंजाब का हर ज़िला अब विकास का नया केंद्र बन रहा है.
मान सरकार ने यह साबित कर दिया है कि नीयत साफ़ हो तो बदलाव ज़मीनी होता है. सरकारी दफ्तरों में पुराने केसों को लगभग खत्म कर पारदर्शिता को मजबूत किया गया है. अब पंजाब देश के उन चुनिंदा राज्यों में शामिल है जहाँ बिज़नेस करना सबसे आसान हो गया है. यह सिर्फ प्रशासनिक सुधार नहीं, बल्कि पंजाब के आत्म-सम्मान का पुनर्जन्म है- जहां मेहनत की क़ीमत है, पैरवी की नहीं. यही है नया रंगला पंजाब, जो ईमानदारी और दक्षता की मिसाल बन चुका है.