Water Resources Minister Barinder Goyal: पंजाब इस समय भयानक बाढ़ की मार झेल रहा है. लाखों लोग बेघर हो गए हैं, किसानों की फसलें पूरी तरह तबाह हो चुकी हैं और उद्योग-धंधे भी बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. इस कठिन समय में पंजाबियों को उम्मीद थी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनकी तकलीफ़ को समझेंगे और बड़ा राहत पैकेज देंगे. लेकिन ग़ुरदासपुर के दौरे पर प्रधानमंत्री ने सिर्फ़ ₹1,600 करोड़ की मदद का ऐलान किया और इससे भी ज्यादा दुखद उनकी “हिंदी नहीं आती?” वाली टिप्पणी रही, जिसने न सिर्फ़ पंजाब के ज़ख़्मों पर नमक छिड़का बल्कि पंजाबी मातृभाषा का भी अपमान किया.
आपदा प्रबंधन मंत्री हरदीप सिंह मुंडियां ने जब कहा कि यह राहत राशि बहुत कम है, तो PM मोदी ने हंसते हुए कहा – “हिंदी नहीं आती? 1600 करोड़ घोषित कर दिया.” इस पर मुंडियां ने साफ़ जवाब दिया – “हिंदी आती है, लेकिन पैसा कम है.” यह घटना साफ़ दर्शाती है कि केंद्र सरकार ने पंजाब की गंभीर स्थिति को मज़ाक में उड़ा दिया. यह केवल पंजाब के लोगों का नहीं बल्कि पूरी पंजाबी भाषा का अपमान है.
आप पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा ने तीखे शब्दों में कहा – “पंजाब के साथ मोदी जी ने भयानक मज़ाक किया है. 20,000 करोड़ से अधिक के नुकसान पर केवल 1600 करोड़ देना ज़ख़्मों पर मरहम नहीं, बल्कि नमक छिड़कना है.” उन्होंने आगे कहा कि केंद्र ने पंजाब के ₹60,000 करोड़ फंड रोक रखे हैं, जिन्हें तत्काल जारी किया जाना चाहिए. प्रधानमंत्री का दौरा केवल फोटो खिंचवाने और राजनीतिक स्टंट तक सीमित रहा.
जल संसाधन मंत्री बरिंदर गोयल ने इस राहत पैकेज को “बड़ा मज़ाक” करार दिया, वहीं वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा – “30 दिन बाद मोदी जी को पंजाब की याद आई और ₹1,600 करोड़ देकर ऊंट के मुंह में जीरा डाल दिया.”
यहां तक कि भाजपा के अपने नेता रवनीत बिट्टू ने भी माना कि मोदी जी की टिप्पणी से पंजाबी भाषा का अपमान हुआ है. भले ही बाद में उन्होंने सफ़ाई देने की कोशिश की, लेकिन पंजाब के लोगों ने इसे अपने सम्मान पर सीधा हमला माना.
आप सरकार ने केंद्र से दोबारा मांग की है कि बाढ़ से हुए 20,000 करोड़ रुपए से अधिक नुकसान की भरपाई के लिए बड़ा राहत पैकेज दिया जाए और पंजाब के रोके गए फंड तुरंत जारी किए जाएं.
आम आदमी पार्टी की सरकार ने कहा कि जैसे आज़ादी की लड़ाई से लेकर देश के अन्न भंडार को भरने तक पंजाब हमेशा आगे रहा है, वैसे ही आज भी पंजाब अपने लोगों के साथ खड़ा है. चाहे केंद्र सरकार ने अनदेखी की हो, लेकिन मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार हर बाढ़ पीड़ित परिवार का सहारा बनेगी, किसानों का हौसला बढ़ाएगी और पंजाबियों की इज़्ज़त की रक्षा करेगी.