Swapnil Kusale: पेरिस ओलंपिक के छठे दिन भारत ने एक और पदक जीता. महाराष्ट्र के स्वप्निल कुसाले ने सटीक निशाना लगाया. पुरुषों की 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन में तीसरे स्थान पर रहे. स्वप्निल ने कुल 451.4 अंक हासिल किए और कांस्य पदक हासिल किया. स्वप्निल के प्रदर्शन के बाद भारत के खाते में तीसरा पदक गिर गया है. यह पहली बार है कि भारत ने निशानेबाजी में एक ही स्पर्धा में तीन पदक जीते हैं. ओलंपिक इतिहास में अब तक भारत ने निशानेबाजी में सातवां पदक जीता है. राज्यवर्धन सिंह राठौड़ (रजत, 2004), अभिनव बिंद्रा (स्वर्ण, 2008), गगन नारंग (कांस्य, 2008), विजय कुमार (रजत, 2012), मनु भाकर (कांस्य, 2024), मनु भाकर-सरबजोत सिंह (कांस्य, 2024) ), स्वप्निल कुसाले (2024, कांस्य) ने पदक जीता है.
मेडल जीतने के बाद स्वप्निल कुसाले ने अपनी पहली प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि पदक जीतने के बाद बहुत खुश हूं. उन सभी को धन्यवाद जिन्होंने मुझे इस मुकाम तक पहुंचने में मदद की. मैं मैच में दबाव के बजाय भारत के लिए कुछ करना चाहता था. उन्होंने इसके लिए कड़ी मेहनत की. मेरा ध्यान सिर्फ लक्ष्य पर था. शुरूआती दौर के कुछ आंकड़ों पर नजर डाली. लेकिन उसके बाद आंकड़ों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया. मैंने सिर्फ और सिर्फ लक्ष्य पर फोकस किया. इसलिए स्थिति और क्या हुआ, इस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया. स्वप्निल कुसाले ने जियो सिनेमा से बात करते हुए कहा कि मैंने इस मैच में अपना सर्वश्रेष्ठ दिया.
स्वप्निल कुसाले महेंद्र सिंह धोनी के फैन हैं. तो पत्रकार ने धोनी का जिक्र करते हुए स्वप्निल से सवाल पूछा. आपने महेंद्र सिंह धोनी से क्या प्रेरणा ली? तब कुसाले ने कहा था कि, 'चाहे कितना भी दबाव हो, धोनी मैदान पर बेहद शांत रहते हैं. मैं उनसे प्रेरित हुआ. राइफल शूटिंग मैच में भी मैं शांत था. मेरा लक्ष्य केवल लक्ष्य की ओर था. महेंद्र सिंह धोनी की चुप्पी को स्वीकार कर लिया गया. इसके बाद रिपोर्टर ने उनसे लॉस एंजिल्स में अगले साल होने वाले टूर्नामेंट के बारे में पूछा. तब स्वप्निल ने कहा, 'बेशक, मेरा ध्यान लक्ष्य पर होगा.' पदक प्राप्त करने के बाद स्वप्निल कुसाले को बधाई देते निशानेबाज गगन नारंग और तो और, उनकी आंखों से आंसू भी आ गए. इस बारे में बात करते हुए स्वप्निल ने कहा कि, 'गगन नारंग ने प्रेरित किया. उन्होंने हमेशा मेरा समर्थन किया है.'