Bihar Assembly Elections 2025: राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने आगामी बिहार विधानसभा चुनाव के लिए अपनी सीट बंटवारे की रणनीति को अंतिम रूप दे दिया है. गठबंधन के सहयोगी दलों ने आपसी सहमति और एकता के साथ 243 सीटों के लिए व्यवस्था की है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जनता दल (यूनाइटेड) (जेडी-यू) को 101-101 सीटें मिली हैं, जबकि छोटे सहयोगी दलों को बाकी सीटें दी गई हैं.
एनडीए के तहत लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) (लोजपा-आर) 29 सीटों पर, राष्ट्रीय लोक मोर्चा (आरएलएम) 6 सीटों पर और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) 6 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. जेडी(यू) के कार्यकारी अध्यक्ष संजय कुमार झा ने रविवार को कहा कि एनडीए ने सीट बंटवारे को अंतिम रूप दे दिया है. यह गठबंधन की एकजुटता और बिहार के विकास के लिए हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है. कार्यकर्ताओं ने इस फैसले का स्वागत किया और इसे जीत की दिशा में पहला कदम बताया.
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस समझौते को बिहार में मजबूत सरकार बनाने का आधार बताया. उन्होंने कहा कि एनडीए की एकता विपक्ष को कड़ी टक्कर देगी. गठबंधन अब 6 और 11 नवंबर को होने वाले दो चरणों के चुनाव के लिए जोर-शोर से प्रचार शुरू करेगा. भाजपा और जेडी(यू) अपनी संगठनात्मक ताकत का उपयोग कर मतदाताओं तक पहुंचने की योजना बना रहे हैं. छोटे सहयोगी दल भी अपने क्षेत्रों में प्रभाव बढ़ाने पर ध्यान देंगे.
विपक्षी महागठबंधन, जिसमें राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी), कांग्रेस और वामपंथी दल शामिल हैं, अभी तक सीट बंटवारे को अंतिम रूप नहीं दे पाया है. हालांकि, जल्द ही इसकी घोषणा होने की उम्मीद है. इस बीच, जेडी(यू) के कुछ पूर्व विधायकों के आरजेडी में शामिल होने से राजनीतिक हलचल बढ़ गई है. विपक्ष ने स्वास्थ्य, शिक्षा और शासन के मुद्दों को उठाकर एनडीए पर निशाना साधा है. जवाब में, एनडीए ने बुनियादी ढांचे, कानून-व्यवस्था और महिला सशक्तिकरण में अपनी उपलब्धियों को उजागर किया.
संजय झा ने नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार की प्रगति पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि यह चुनाव विकास और पतन के बीच का चयन है. एनडीए अपने शासन के रिकॉर्ड को जनता के सामने रख रही है, जबकि विपक्ष ने एनडीए पर खराब प्रशासन का आरोप लगाया है. दोनों गठबंधन मतदाताओं को लुभाने के लिए ताबड़तोड़ रैलियां और सभाएं कर रहे हैं. गठबंधन की एकजुट रणनीति और संगठनात्मक ताकत को उसकी सबसे बड़ी ताकत माना जा रहा है. दूसरी ओर, महागठबंधन की रणनीति और उम्मीदवारों की घोषणा पर सभी की नजर है. जैसे-जैसे मतदान की तारीख नजदीक आ रही है, बिहार में सियासी माहौल गर्माता जा रहा है.