Bihar Elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव के लिए महागठबंधन में सीट बंटवारे का फॉर्मूला लगभग तय हो चुका है. सूत्रों की मानें तो आज पटना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी आधिकारिक घोषणा हो सकती है. राष्ट्रीय जनता दल (राजद) गठबंधन में प्रमुख भूमिका निभाएगा, जबकि कांग्रेस को कम सीटों पर समझौता करना पड़ सकता है.
सूत्रों के अनुसार, राजद को 125 सीटें मिल सकती हैं. कांग्रेस को 55 से 57 सीटें दी जा सकती हैं. वाम दलों को 35, मुकेश साहनी की वीआईपी पार्टी को 20, पशुपति पारस की पार्टी को 3 और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) को 2 सीटें मिलने की संभावना है. हालांकि, कांग्रेस और राजद के बीच कुछ सीटों को लेकर सहमति अभी बाकी है. दोनों दलों के नेता दावा कर रहे हैं कि जल्द ही सभी मुद्दे सुलझ जाएंगे.
सीटों की संख्या को लेकर कांग्रेस और राजद में खींचतान जारी है. कांग्रेस 78 सीटों की मांग कर रही है, लेकिन राजद नेता तेजस्वी यादव केवल 48 सीटें देने को तैयार हैं. सूत्रों का कहना है कि दोनों पक्ष 55 सीटों पर सहमत हो सकते हैं. इस विवाद के कारण गठबंधन की एकजुटता पर सवाल उठ रहे हैं. कांग्रेस ने कई पारंपरिक सीटें छोड़ने का फैसला किया है. पटना जिले की सभी सीटें इस बार राजद के खाते में जा सकती हैं. पहले कांग्रेस ने यहां चार सीटों पर चुनाव लड़ा था. इसके अलावा, सीतामढ़ी की सुरसंड, दरभंगा की जाले और चैनपुर, और वैशाली की राजा पाकर सीटें भी राजद को मिल सकती हैं. राजा पाकर में मौजूदा कांग्रेस विधायक प्रतिमा सिंह हैं, लेकिन राजद शिवचंद्र राम को उम्मीदवार बनाना चाहता है.
झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) भी बिहार चुनाव में उतरने को तैयार है. पार्टी झारखंड से सटे इलाकों पर ध्यान देगी. सूत्रों के मुताबिक, झामुमो को दो सीटें मिल सकती हैं, हालांकि उनकी मांग इससे ज्यादा है. बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ गई हैं. कांग्रेस 8 अक्टूबर को अपनी केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की पहली वर्चुअल बैठक आयोजित करेगी. इस बैठक में उम्मीदवारों की पहली सूची को मंजूरी दी जाएगी. यह पहली बार होगा जब कांग्रेस की सीईसी बैठक वर्चुअल होगी. महागठबंधन की एकता और सीट बंटवारे का फॉर्मूला बिहार चुनाव में कितना असर डालेगा, यह देखना दिलचस्प होगा. फिलहाल, सभी की नजरें आज की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर टिकी हैं.