Kidney Cancer Day: दुनिया भर में आज किडनी कैंसर दिवस मनाया जा रहा है. यह दिन किडनी कैंसर के खतरों और बचाव के उपायों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए समर्पित है. किडनी कैंसर, जिसे रीनल कैंसर भी कहते हैं, एक गंभीर बीमारी है. इसका एक प्रमुख कारण क्रॉनिक किडनी डिजीज (CKD) है. आइए, इस बीमारी के कारणों और बचाव के तरीकों को समझें.
सीकेडी एक ऐसी स्थिति है, जिसमें किडनी धीरे-धीरे अपनी कार्यक्षमता खो देती है. यह रक्त को साफ करने में असमर्थ हो जाती है, जिससे शरीर में विषाक्त पदार्थ जमा होने लगते हैं. इससे किडनी फेल होने का खतरा बढ़ता है. कई मरीजों को डायलिसिस की जरूरत पड़ती है, जो अपशिष्ट पदार्थों को हटाने में मदद करता है.
किडनी कैंसर के मामले भारत में तेजी से बढ़ रहे हैं. सीकेडी इसका एक बड़ा कारण है. विशेषज्ञों के अनुसार, समय पर जागरूकता और उपचार से इसे रोका जा सकता है. विश्व किडनी कैंसर दिवस का उद्देश्य लोगों को इस बीमारी के जोखिमों से अवगत कराना है. कई कारणों की वजह से किडनी को नुकसान पहुंच सकता हैं. जिसमें मधुमेह, उच्च रक्तचाप, ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस शामिल है. मधुमेह किडनी की छोटी रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाता है.
अलावा लंबे समय तक हाई बीपी किडनी की रक्त वाहिकाओं पर दबाव डालता है. इससे किडनी की कार्यक्षमता घटती है. वहीं ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस किडनी की फिल्टरिंग इकाइयों में सूजन का कारण बनता है. यह संक्रमण या ऑटोइम्यून बीमारियों से हो सकता है.पॉलीसिस्टिक किडनी रोग एक आनुवंशिक बीमारी है, जिसमें किडनी में सिस्ट बनते हैं. ये सिस्ट किडनी के कार्य को बाधित करते हैं. वहीं पायलोनेफ्राइटिस जैसे अनुपचारित संक्रमण किडनी को स्थायी नुकसान पहुंचा सकते हैं.
किडनी कैंसर और सीकेडी से बचाव संभव है. इससे बचाव के लिए नियमित स्वास्थ्य जांच, मधुमेह और रक्तचाप को नियंत्रित करना जरूरी है. इसके अलावा स्वस्थ आहार, पर्याप्त पानी पीना और धूम्रपान से दूरी बनाए रखें. वहीं दवा भी डॉक्टर की सलाह पर ही लें. बार-बार होने वाले संक्रमणों का तुरंत इलाज करवाएं. विश्व किडनी कैंसर दिवस हमें याद दिलाता है कि जागरूकता ही बचाव है. समय पर जांच और स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर हम किडनी कैंसर के खतरे को कम कर सकते हैं.
Kidney Cancer Day: दुनिया भर में आज किडनी कैंसर दिवस मनाया जा रहा है. यह दिन किडनी कैंसर के खतरों और बचाव के उपायों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए समर्पित है. किडनी कैंसर, जिसे रीनल कैंसर भी कहते हैं, एक गंभीर बीमारी है. इसका एक प्रमुख कारण क्रॉनिक किडनी डिजीज (CKD) है. आइए, इस बीमारी के कारणों और बचाव के तरीकों को समझें.
सीकेडी एक ऐसी स्थिति है, जिसमें किडनी धीरे-धीरे अपनी कार्यक्षमता खो देती है. यह रक्त को साफ करने में असमर्थ हो जाती है, जिससे शरीर में विषाक्त पदार्थ जमा होने लगते हैं. इससे किडनी फेल होने का खतरा बढ़ता है. कई मरीजों को डायलिसिस की जरूरत पड़ती है, जो अपशिष्ट पदार्थों को हटाने में मदद करता है.
किडनी कैंसर के मामले भारत में तेजी से बढ़ रहे हैं. सीकेडी इसका एक बड़ा कारण है. विशेषज्ञों के अनुसार, समय पर जागरूकता और उपचार से इसे रोका जा सकता है. विश्व किडनी कैंसर दिवस का उद्देश्य लोगों को इस बीमारी के जोखिमों से अवगत कराना है. कई कारणों की वजह से किडनी को नुकसान पहुंच सकता हैं. जिसमें मधुमेह, उच्च रक्तचाप, ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस शामिल है. मधुमेह किडनी की छोटी रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाता है.
अलावा लंबे समय तक हाई बीपी किडनी की रक्त वाहिकाओं पर दबाव डालता है. इससे किडनी की कार्यक्षमता घटती है. वहीं ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस किडनी की फिल्टरिंग इकाइयों में सूजन का कारण बनता है. यह संक्रमण या ऑटोइम्यून बीमारियों से हो सकता है.पॉलीसिस्टिक किडनी रोग एक आनुवंशिक बीमारी है, जिसमें किडनी में सिस्ट बनते हैं. ये सिस्ट किडनी के कार्य को बाधित करते हैं. वहीं पायलोनेफ्राइटिस जैसे अनुपचारित संक्रमण किडनी को स्थायी नुकसान पहुंचा सकते हैं.
किडनी कैंसर और सीकेडी से बचाव संभव है. इससे बचाव के लिए नियमित स्वास्थ्य जांच, मधुमेह और रक्तचाप को नियंत्रित करना जरूरी है. इसके अलावा स्वस्थ आहार, पर्याप्त पानी पीना और धूम्रपान से दूरी बनाए रखें. वहीं दवा भी डॉक्टर की सलाह पर ही लें. बार-बार होने वाले संक्रमणों का तुरंत इलाज करवाएं. विश्व किडनी कैंसर दिवस हमें याद दिलाता है कि जागरूकता ही बचाव है. समय पर जांच और स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर हम किडनी कैंसर के खतरे को कम कर सकते हैं.