NO Kings Protests: अमेरिका के कई शहरों में शनिवार को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की आव्रजन, सुरक्षा और शिक्षा नीतियों के खिलाफ़ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए. इन प्रदर्शनों को 'नो किंग्स' आंदोलन का हिस्सा माना जा रहा है, जिसमें हजारों लोग शामिल हुए.
सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका के 50 राज्यों में 2,500 से अधिक विरोध प्रदर्शन हुए. न्यूयॉर्क, वाशिंगटन, सैन फ्रांसिस्को जैसे शहरों में लोग सड़कों पर उतरे. प्रदर्शनकारियों ने ट्रंप की नीतियों को 'सत्तावादी' बताया और लोकतंत्र की रक्षा का नारा बुलंद किया. न्यूयॉर्क के टाइम्स स्क्वायर पर विरोध प्रदर्शन से बढ़कर देशभक्ति कुछ नहीं और फासीवाद का विरोध करो जैसे नारे गूंजे.
वाशिंगटन में इराक युद्ध के अनुभवी मरीन शॉन हॉवर्ड ने ट्रंप की आव्रजन नीतियों और शहरों में सैन्य तैनाती को अमेरिकी विरोधी करार दिया. एसोसिएटेड प्रेस के अनुसार, हॉवर्ड ने कहा कि मैंने आज़ादी के लिए विदेशों में चरमपंथ के खिलाफ लड़ाई लड़ी. लेकिन अब अमेरिका में चरमपंथ बढ़ रहा है, जो हमें गृहयुद्ध की ओर ले जा सकता है. सैन फ्रांसिस्को की प्रदर्शनकारी हेली विंगार्ड ने ट्रंप को तानाशाह कहते हुए पोर्टलैंड में सैन्य तैनाती पर चिंता जताई. उन्होंने कहा कि मैं अपने शहर में सेना नहीं चाहती. यह डरावना है.
ट्रंप ने फ्लोरिडा के अपने मार-ए-लागो निवास से इन प्रदर्शनों को खारिज किया. फॉक्स न्यूज़ को दिए साक्षात्कार में 79 वर्षीय राष्ट्रपति ने कहा कि वे मुझे राजा कह रहे हैं, लेकिन मैं राजा नहीं हूं. उन्होंने डेमोक्रेट्स पर सरकारी कामकाज ठप करने का आरोप लगाया. ट्रंप ने कहा कि डेमोक्रेट्स की गलती ने मुझे उन कार्यक्रमों को बंद करने का मौका दिया, जिन्हें रिपब्लिकन कभी नहीं चाहते थे. रिपब्लिकन पार्टी ने 'नो किंग्स' प्रदर्शनों को अमेरिका विरोधी बताया और उनकी निंदा की. दूसरी ओर, डेमोक्रेट्स ने प्रदर्शनकारियों का समर्थन किया, लेकिन शांति बनाए रखने की अपील की. कैलिफोर्निया के गवर्नर गेविन न्यूसम ने X पर लिखा कि हमारी ताकत एकता और शांति में है. उकसावे में न आएं. सीनेट के अल्पसंख्यक नेता चक शूमर ने न्यूयॉर्क में प्रदर्शनकारियों के साथ मार्च किया और कहा कि अमेरिका में कोई तानाशाह नहीं. हम ट्रंप को लोकतंत्र कमजोर करने की इजाजत नहीं देंगे.