Israel prison service: इजरायल और हमास के बीच युद्ध विराम के बाद अब माहौल में सुधार होता नजर आ रहा है. सैकड़ों लोग अपने घर वापस आ चुकें हैं, वहीं कई लोग अभी भी अपने घर वापसी का इंतजार कर रहे हैं. इसी क्रम में इजराइल जेल सेवा (आईपीएस) ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि वह गाजा युद्धविराम समझौते के दिशा-निर्देशों के अनुसार, गाजा में बंधक बनाए गए इजराइलियों की रिहाई के बदले में कैद आतंकवादियों को रिहा करने की प्रक्रिया के लिए परिचालन रूप से तैयार है..
इजराइल जेल के मुख्य आयुक्त कोबी याकोबी ने ऑपरेशन के लिए एक और स्थिति का आकलन किया. जिसके मुताबिक गुरुवार को तीन और बंधकों को रिहा किए जाने की उम्मीद है. अगर तीन रिहाई और की जाती है तो युद्धविराम की शुरुआत के बाद से रिहा किए गए कुल लोगों की संख्या दस हो जाएगी. मिल रही जानकारी के मुताबिक आईपीएस को बंधक रिहाई सौदे के हिस्से के रूप में विभिन्न जेलों से रिहा किए जाने वाले सुरक्षा कैदियों की सूची मिली.
बंधकों की रिहाई को लेकर लगभग तैयारी पूरी हो चुकी है. आवश्यक तैयारियों के अंत में आईपीएस की नचशोन इकाई के लड़ाके, जेल सेवा की मुख्य अनुरक्षण इकाई, आतंकवादियों को मुख्य स्वागत बिंदुओं पर स्थानांतरित करेंगे जहां से उन्हें रिहा किया जाएगा. आईपीएस की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक राजनीतिक अधिकारियों से अनुमति मिलने पर, आतंकवादियों को रेड क्रॉस द्वारा जेल से जुडिया/सामरिया में रिहाई स्थल तक ले जाया जाएगा. जिसके बाद आईपीएस की विशेष इकाइयों, नचशोन और मसादा के लड़ाकों द्वारा उन्हें केरेम शालोम क्रॉसिंग से गाजा तक ले जाया जाएगा.
इज़राइल-हमास के बीच लगभग 15 महीनों तक विनाशकारी युद्ध चलने के बाद समझौता हुए. यह पूरा विवाद 7 अक्टूबर से शुरू हुआ था, जिसमें हमास के आतंकियों ने अचानक इजरायल पर हमला कर दिया था. जिसमें करीब 1,200 लोगों की मौत हो गई थी. इसके अलावा 250 लोगों को अगवा कर लिया. जिनमें से ज़्यादातर आम नागरिक थे. जिसके बाद गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार इजरायल ने हवाई और ज़मीनी युद्ध के ज़रिए जवाब दिया. जिसमें 47,000 से ज़्यादा फ़िलिस्तीनी मारे गए. जिनमें से आधे से ज़्यादा महिलाएं और बच्चे थे. मंत्रालय ने यह नहीं बताया कि मरने वालों में कितने लड़ाके थे. इजरायल ने बिना सबूत दिए कहा कि उसने 17,000 से ज़्यादा उग्रवादियों को मार गिराया है. कुल मिलाकर गाजा के 2.3 मिलियन लोगों में से लगभग 90 प्रतिशत लोग विस्थापित हो गए. जो की अब युद्ध विराम के बाद धीरे-धीरे अपने सामान्य जीवन की ओर बढ़ रहे हैं.