भारत यात्रा से पहले पुतिन को बड़ी कूटनीतिक सफलता, सूडान ने लाल सागर के पास सैन्य अड्डा देने का किया प्रस्ताव

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अपनी भारत यात्रा की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन उससे पहले ही उन्हें अंतरराष्ट्रीय रणनीतिक मोर्चे पर बड़ी खुशखबरी मिली है.

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Vladimir Putin: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अपनी भारत यात्रा की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन उससे पहले ही उन्हें अंतरराष्ट्रीय रणनीतिक मोर्चे पर बड़ी खुशखबरी मिली है. गृह युद्ध से जूझ रहे अफ्रीकी देश सूडान ने रूस को अफ्रीका में पहला सैन्य अड्डा और लाल सागर के नजदीक एक महत्वपूर्ण पोर्ट उपलब्ध कराने की पेशकश की है. इस प्रस्ताव को रूस की वैश्विक सैन्य उपस्थिति को मजबूत करने वाला बड़ा कदम माना जा रहा है.

सूडान का रूस को दो बेस देने का प्रस्ताव

वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार, सूडान की सरकार ने रूस को दो महत्वपूर्ण ठिकाने देने पर सहमति जताई है—एक अफ्रीका के भीतर और दूसरा रणनीतिक लाल सागर के किनारे. रूस लंबे समय से लाल सागर के पास अपने नौसैनिक अड्डे की तलाश कर रहा था, जो अब संभव होता दिख रहा है.

सूडान ने यह बड़ा फैसला ऐसे समय में लिया है जब देश गृह युद्ध में फंसा हुआ है और सेना व रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (RSF) के बीच संघर्ष लगातार बढ़ रहा है. ऐसे में रूस के साथ यह रक्षा-सहयोग सूडान के लिए भी एक सहारा साबित हो सकता है.

हथियार और खुफिया सहयोग के बदले 25 साल का सैन्य अड्डा

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सूडान ने रूस को 25 वर्षों के लिए पोर्ट सुविधाएं और खनन क्षेत्रों तक पहुंच देने पर सहमति जताई है. इसके बदले रूस सूडान को हथियार, सैन्य सहायता और खुफिया जानकारी उपलब्ध कराएगा.

अगर रूस इस प्रस्ताव को आधिकारिक रूप से स्वीकार करता है, तो लाल सागर के पास स्थित पोर्ट पर रूस अपनी नौसैनिक शक्ति तैनात कर सकेगा. यहां चार युद्धपोत और लगभग 300 सैनिकों की तैनाती की व्यवस्था होगी.

रूस के लिए क्यों अहम है सूडान का प्रस्ताव?

यह सौदा रूस के लिए कई मायनों में निर्णायक है.

  • अफ्रीका में रूस का पहला सैन्य अड्डा स्थापित होगा, जो उसकी वैश्विक रणनीतिक पहुंच को नई दिशा देगा.
  • अमेरिका और पश्चिमी देशों ने लंबे समय से अफ्रीका में रूस की बढ़ती गतिविधियों को रोकने की कोशिश की है. ऐसे में यह निर्णय वाशिंगटन के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है.
  • लाल सागर का यह पोर्ट सीधे सऊदी अरब के सामने होगा, जहां कई अमेरिकी सैन्य ठिकाने मौजूद हैं. इस व्यवस्थापन से रूस का भू-राजनीतिक प्रभाव भी बढ़ेगा.

लाल सागर की वैश्विक अहमियत

लगभग 2250 किलोमीटर लंबा लाल सागर विश्व व्यापार की सबसे महत्वपूर्ण जलधाराओं में से एक है. दुनिया के करीब 12% तेल व्यापार का आवागमन इसी मार्ग से होता है. अभी तक रूस और ईरान ने यमन के हूती विद्रोहियों के माध्यम से अप्रत्यक्ष प्रभाव रखा था, लेकिन सूडान की इस पेशकश के बाद रूस को यहां सीधी उपस्थिति मिल जाएगी.

यह सैन्य अड्डा रूस को मध्य पूर्व और अफ्रीका दोनों क्षेत्रों में सामरिक बढ़त दिला सकता है. भारत यात्रा से पहले पुतिन के लिए यह कदम वैश्विक रणनीति में महत्वपूर्ण सफलता माना जा रहा है.

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