Donald Trump Election Ban: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मुश्किलें बढ़ गई है. अमेरिका की कोर्ट ने ट्रंप पर राष्ट्रपति के चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी है. जिसके बाद ट्रंप अब अगले साल होने वाले राष्ट्रपति चुनाव नहीं लड़ सकेंगे. कोलोराडो के सुप्रीम कोर्ट ने संवैधानिक विद्रोह खंड का हवाला देते हुए ये फैसला सुनाया है. अपने फैसले में कोर्ट ने कहा कि ट्रम्प एक योग्य उम्मीदवार नहीं हैं.
इस दौरान कोर्ट में 4 जज फैसला सुना रहे थे, जिसमें से 3 जज ट्रंप की राष्ट्रपति उम्मीदवारी के खिलाफ थे. हालांकि डोनाल्ड ट्रंप इस फैसले के खिलाफ किसी अन्य उच्च अदालत में अपील कर सकते हैं.
पहली बार किसी उम्मीदवार को अयोग्य ठहराया गया
कोर्ट ने डोनाल्ड ट्रंप को अमेरिका के राष्ट्रपति का चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य बताया है. बता दें कि, अमेरिकी इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है कि किसी उम्मीदवार को अयोग्य ठहराया गया है. कोर्ट ने अमेरिकी संविधान के 14वें संशोधन की धारा 3 का इस्तेमाल कर किसी संभावित उम्मीदवार को राष्ट्रपति चुनाव के लिए अयोग्य ठहराया गया है. इसके साथ ही कोर्ट ने राज्य सचिव को आदेश दिया है कि वह रिपब्लिकन पार्टी के प्राथमिक चुनावों से ट्रंप का नाम बाहर कर दें.
अगले अपील तक फैसले को रखा गया होल्ड पर
इस मामले में कोर्ट ने कहा कि अमेरिकी संविधान के चौदहवें संशोधन की धारा तीन के अनुसार डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति का पद नहीं संभाल सकते हैं. हालंकी इस फैसले को अभी होल्ड पर रखा गया है. बता दें कि ट्रंप को अयोग्य ठहराने का ये आदेश सिर्फ सिर्फ कालाराडो राज्य में ही लागू होगा और इस मामले पर अभी ट्रंप की ओर से आगे अपील करन बाकी है. इसलिए इस फैलसे को 4 जनवरी तक होल्ड पर रखा गया है.
कोर्ट ने फैसले के दौरान क्या कहा
कोर्ट ने ट्रंप की उम्मीदवारी को अयोग्य बताते हुए अपने आदेश में कहा कि "हम इस फैसले पर यूं हीं नहीं पहुंचे हैं. हमारे सामने कई सवाल हैं और हम जानते हैं कि इन सवालों के क्या जवाब हैं. हम कानून लागू करने के अपने ड्यूटी को लेकर भी डटे हुए हैं. हम बगैर किसी किसी डर, पक्षपात के फैसला दे रहे हैं. हम इस बात की फिक्र नहीं करते हैं कि हमारे फैसले से क्या प्रतिक्रिया आएगी, हम बस कानून को ध्यान में रखकर ये कर रहे हैं."
कैपिटल हिल मामले में हो रही थी सुनवाई
डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ कालाराडो अदालत में कैपिटल हिल हिंसा को लेकर सुनवाई चल रही थी. सुनवाई के दौरान उन्हें राष्ट्रपति के लिए अयोग्य ठहराते हुए चुनाव लड़ने से रोक दिया गया. बता दें कि साल 2020 के राष्ट्रपति चुनाव हारने के बाद ट्रंप के समर्थकों ने कैपिटल हिल पर चढ़ाई कर दी थी. इस हमले में पांच लोगों की मौत हो गई थी, जिसमें एक पुलिस वाला भी शामिल था.
इसके बाद विपक्षी पार्टियों ने कैपिटल हिल की हिंसा के ट्रंप को जिम्मेदार ठहराया था. उनका कहना था कि "चुनाव नतीजों के बाद ट्रंप ने कई बार सार्वजनिक तौर पर यह कह रहे थे कि चुनावों में धांधली हुई है. इस वजह से उनके समर्थकों ने कैपिटल हिल पर हमला किया".