Extreme Heat: उत्तर भारत में इस बार गर्मी के कई सारे रिकॉर्ड टूट गए हैं. राजस्थान के एक शहर में तापमान 50 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया. मौसम विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि ऐसी स्थिति में स्वास्थ्य जोखिम बढ़ सकते हैं. आइए, जानते हैं कि गर्मी क्यों खतरनाक है और इससे कैसे बचा जा सकता है.
मानव शरीर कितनी गर्मी सहन कर सकता है? विशेषज्ञों के अनुसार, शरीर का सामान्य तापमान 36.5 से 37.5 डिग्री सेल्सियस होता है. लेकिन बाहरी तापमान 45 डिग्री से ऊपर जाने पर शरीर का शीतलन तंत्र कमजोर पड़ सकता है. अगर शरीर का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो जाए, तो हीट स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है.
उच्च आर्द्रता गर्मी को और घातक बनाती है. यह पसीने को सूखने से रोकती है, जिससे शरीर ठंडा नहीं हो पाता. शोध बताते हैं कि 55 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान में शरीर के लिए सुरक्षित रहना मुश्किल हो जाता है. ऐसे में अंगों और मस्तिष्क पर बुरा असर पड़ता है. हर साल गर्मी के मौसम में हीट स्ट्रोक से कई लोगों की जान चली जाती है. जब शरीर का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर जाता है, तो महत्वपूर्ण अंग काम करना बंद कर सकते हैं. यह स्थिति बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर स्वास्थ्य वालों के लिए अधिक खतरनाक है.
गर्मी से बचने के लिए कुछ सावधानियां जरूरी हैं. खूब पानी पिएं, भले ही प्यास न लगे. मीठे, कैफीनयुक्त या शराब वाले पेय से बचें. ये शरीर को और निर्जलित करते हैं. हल्के और ढीले सूती कपड़े पहनें. ये शरीर को ठंडा रखते हैं. दोपहर में घर से निकलने से बचें. अगर बाहर जाना पड़े, तो छाता या टोपी का इस्तेमाल करें.
गर्मी से बचने के लिए घर में पंखे, कूलर या एसी का उपयोग करें. खिड़कियों पर पर्दे रखें, ताकि गर्मी अंदर न आए. गीले कपड़े से माथा, गर्दन या कलाई पोंछने से राहत मिलती है. बिजली कटौती हो तो ठंडे पानी से स्पंज स्नान करें. बुजुर्गों, बच्चों और पालतू जानवरों का विशेष ख्याल रखें. वे गर्मी से जल्दी प्रभावित होते हैं. अगर किसी को चक्कर, उलटी या बेहोशी जैसे लक्षण दिखें, तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें. हालांकि कुछ राज्यों में मौसम ने पलटी मारी है. आने वाले समय में और भी ज्यादा राहत मिलेगी.
Extreme Heat: उत्तर भारत में इस बार गर्मी के कई सारे रिकॉर्ड टूट गए हैं. राजस्थान के एक शहर में तापमान 50 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया. मौसम विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि ऐसी स्थिति में स्वास्थ्य जोखिम बढ़ सकते हैं. आइए, जानते हैं कि गर्मी क्यों खतरनाक है और इससे कैसे बचा जा सकता है.
मानव शरीर कितनी गर्मी सहन कर सकता है? विशेषज्ञों के अनुसार, शरीर का सामान्य तापमान 36.5 से 37.5 डिग्री सेल्सियस होता है. लेकिन बाहरी तापमान 45 डिग्री से ऊपर जाने पर शरीर का शीतलन तंत्र कमजोर पड़ सकता है. अगर शरीर का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो जाए, तो हीट स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है.
उच्च आर्द्रता गर्मी को और घातक बनाती है. यह पसीने को सूखने से रोकती है, जिससे शरीर ठंडा नहीं हो पाता. शोध बताते हैं कि 55 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान में शरीर के लिए सुरक्षित रहना मुश्किल हो जाता है. ऐसे में अंगों और मस्तिष्क पर बुरा असर पड़ता है. हर साल गर्मी के मौसम में हीट स्ट्रोक से कई लोगों की जान चली जाती है. जब शरीर का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर जाता है, तो महत्वपूर्ण अंग काम करना बंद कर सकते हैं. यह स्थिति बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर स्वास्थ्य वालों के लिए अधिक खतरनाक है.
गर्मी से बचने के लिए कुछ सावधानियां जरूरी हैं. खूब पानी पिएं, भले ही प्यास न लगे. मीठे, कैफीनयुक्त या शराब वाले पेय से बचें. ये शरीर को और निर्जलित करते हैं. हल्के और ढीले सूती कपड़े पहनें. ये शरीर को ठंडा रखते हैं. दोपहर में घर से निकलने से बचें. अगर बाहर जाना पड़े, तो छाता या टोपी का इस्तेमाल करें.
गर्मी से बचने के लिए घर में पंखे, कूलर या एसी का उपयोग करें. खिड़कियों पर पर्दे रखें, ताकि गर्मी अंदर न आए. गीले कपड़े से माथा, गर्दन या कलाई पोंछने से राहत मिलती है. बिजली कटौती हो तो ठंडे पानी से स्पंज स्नान करें. बुजुर्गों, बच्चों और पालतू जानवरों का विशेष ख्याल रखें. वे गर्मी से जल्दी प्रभावित होते हैं. अगर किसी को चक्कर, उलटी या बेहोशी जैसे लक्षण दिखें, तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें. हालांकि कुछ राज्यों में मौसम ने पलटी मारी है. आने वाले समय में और भी ज्यादा राहत मिलेगी.