Air India crash: अहमदाबाद विमान हादसे के 220 पीड़ितों का DNA मैच, 202 शवों को परिवार को सौंपा

गुजरात स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, 20 जून तक सुबह 11:45 बजे तक 220 पीड़ितों के डीएनए मिलान की पुष्टि हो चुकी है. इनमें 151 भारतीय, 34 ब्रिटिश, सात पुर्तगाली, एक कनाडाई और नौ गैर-यात्री शामिल हैं. गैर-यात्री ग्राउंड स्टाफ या एयरपोर्ट कर्मचारी हो सकते हैं.

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Courtesy: Social Media

Air India crash: अहमदाबाद विमान हादसे के दुख से लोग अभी नहीं निकल पाएं हैं. यह दुख शायद उन लोगों के लिए और भी ज्यादा गहरा है, जिन्होंने इस हादसे में किसी अपने को खो दिया. हालांकि अभी भी मदद कार्य जारी है. गुजरात स्वास्थ्य विभाग ने अब तक 220 पीड़ितों की डीएनए जांच से पहचान की है. 202 शव परिजनों को सौंपे जा चुके हैं.

गुजरात स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, 20 जून तक सुबह 11:45 बजे तक 220 पीड़ितों के डीएनए मिलान की पुष्टि हो चुकी है. इनमें 151 भारतीय, 34 ब्रिटिश, सात पुर्तगाली, एक कनाडाई और नौ गैर-यात्री शामिल हैं. गैर-यात्री ग्राउंड स्टाफ या एयरपोर्ट कर्मचारी हो सकते हैं. यह प्रक्रिया जटिल है, क्योंकि आग और विस्फोट के कारण शव बुरी तरह क्षतिग्रस्त हैं.  

चौबीसों घंटे चल रहा राहत कार्य

मिल रही जानकारी के मुताबिक 202 शवों को परिजनों को सौंपा जा चुका है. इनमें से 15 शव हवाई मार्ग से और 187 शव एम्बुलेंस के जरिए सड़क मार्ग से उनके गंतव्यों तक भेजे गए. स्वास्थ्य मंत्री रुशिकेश पटेल ने सोशल मीडिया पर अपडेट साझा करते हुए कहा कि बाकी शव जल्द ही सौंपे जाएंगे. फोरेंसिक टीमें और आपदा प्रबंधन इकाइयां चौबीसों घंटे काम कर रही हैं. एयर इंडिया की फ्लाइट AI171, बोइंग 787 ड्रीमलाइनर, अहमदाबाद से लंदन जा रही थी. उड़ान भरने के कुछ ही सेकंड बाद तकनीकी खराबी के कारण यह बी.जे. मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल में जा गिरी. विमान में 1.25 लाख लीटर ईंधन था, जिसके कारण भयंकर आग लगी. इस हादसे में 241 यात्री और चालक दल के सदस्यों के साथ-साथ जमीन पर मौजूद कई लोग मारे गए.

जांच में क्या सामने आया?

शुरुआती जांच में इंजन खराबी की संभावना जताई गई है. नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ इसकी गहन जांच कर रहे हैं. दोनों ब्लैक बॉक्स और डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर बरामद किए गए हैं. ये हादसे के कारणों का पता लगाने में मदद करेंगे.  हादसे में मरने वालों में पूर्व गुजरात मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी शामिल थे. उनके शव की पहचान डीएनए और दंत रिकॉर्ड से हुई. गुजरात सरकार ने 230 सहायता टीमें बनाई हैं. काउंसलिंग और तत्काल मृत्यु प्रमाणपत्र की सुविधा दी जा रही है. फोरेंसिक टीमें और एनडीआरएफ रात-दिन पीड़ितों के सम्मान और परिजनों को सहायता देने में जुटी हैं.  
 

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