नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से शनिवार को पेश किए गए आम बजट में मखाना बोर्ड की स्थापना, पश्चिमी कोसी नहर के लिए वित्तीय सहायता और आईआईटी पटना की क्षमता में विस्तार सहित कई अन्य घोषणाएं कर बिहार को खास तवज्जो दी गई है.
कांग्रेस सहित विपक्षी नेताओं ने कहा कि बजट 2025 में आम लोगों और मध्यम वर्ग के लिए कुछ भी नहीं है तथा सरकार इसे आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर लाई है. हालांकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और इसके सहयोगी दलों ने इस आरोप को खारिज किया.
लोकसभा में आम बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने यह भी घोषणा की कि केंद्र भविष्य की जरूरतों को पूरा करने के लिए राज्य में ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों के निर्माण के अलावा बिहार में एक राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी, उद्यमिता और प्रबंधन संस्थान भी स्थापित करेगा.
जद (यू) के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने बिहार में मखाना बोर्ड के गठन की घोषणा का स्वागत करते हुए कहा कि इससे किसानों और उद्यमियों के लिए नए अवसर खुलेंगे. यह उल्लेख करते हुए कि यह क्षेत्र की कृषि अर्थव्यवस्था के लिए परिवर्तनकारी साबित होगा, झा ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘यह पहल उत्पादन, प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन और विपणन को बढ़ाएगी, जिससे मिथिला और बिहार में आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा.’’
बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि ऐसा लगता है कि बिहार को घोषणाओं का खजाना मिल गया है.
रमेश ने बिहार से भाजपा के सहयोगी दल जदयू और आंध्र प्रदेश से तेदेपा के स्पष्ट संदर्भ में ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘यह स्वाभाविक है क्योंकि साल के अंत में वहां (बिहार) चुनाव होना है. लेकिन राजग के दूसरे स्तंभ यानी आंध्र प्रदेश को इतनी बुरी तरह से नजरअंदाज क्यों किया गया है?’’
इस आरोप के मद्देनजर, भाजपा के सहयोगी एवं केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने विपक्ष को एक साथ चुनाव कराने के प्रस्ताव संबंधी विधेयकों का समर्थन करने की चुनौती दी ताकि आम बजट को लेकर होने वाली इस बहस को समाप्त किया जा सके कि इसमें भविष्य में चुनाव वाले राज्यों को फायदा पहुंचाया गया है.
पासवान ने कहा कि बजट के समय देश के किसी न किसी हिस्से में हमेशा चुनाव हो रहे होते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि सत्तारूढ़ गठबंधन ने ‘‘एक देश, एक चुनाव’’ के लिए कानून प्रस्तावित किया है और विपक्ष को भी उनका समर्थन करना चाहिए.
पासवान ने कहा, ‘‘यदि विपक्ष को इतनी आपत्ति है, तो उसे एक साथ चुनाव कराने की अवधारणा का समर्थन करना चाहिए और इस बहस को हमेशा के लिए समाप्त कर देना चाहिए. अगली बार जब बजट पेश किया जाएगा तो कोई न कोई चुनाव अवश्य हो रहा होगा.’’
उन्होंने इसे संपूर्ण बजट बताते हुए इसकी सराहना की और कहा कि इसमें हर क्षेत्र का ध्यान रखा गया है. उन्होंने कहा, ‘‘एक बिहारी के तौर पर मैं इस बात से खुश हूं कि इस बजट में हवाई अड्डे के विस्तार, आईआईटी विस्तार और कोसी नदी के लिए प्रावधान किए गए हैं.’’
जनता दल (यूनाइटेड) के नेता एवं केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने इस बात को लेकर हैरानी जताई कि विपक्षी दल बिहार के लिए विकास योजनाओं पर आपत्ति कर रहे हैं.
सिंह ने पूछा, ‘‘ऐसे में उन्हें (विपक्षी दलों को) बिहार में चुनाव नहीं लड़ना चाहिए. बिहार भी इसी देश का हिस्सा है और यदि उसे कुछ मिला है तो इसमें गलत क्या है? आईआईटी, ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों के निर्माण, खाद्य प्रसंस्करण श्रृंखलाएं बनाने की घोषणाएं की गई हैं... ये सब बिहार के युवाओं के लिए बहुत लाभकारी होगा. इसमें परेशानी क्या है?’’
राज्य में मखाना बोर्ड के गठन की घोषणा करते हुए सीतारमण ने कहा, ‘‘बिहार के लोगों के लिए एक विशेष अवसर है. प्रदेश में मखाने के उत्पादन, प्रसंस्करण, मूल्यवर्धन और विपणन में सुधार के लिए मखाना बोर्ड की स्थापना की जाएगी. इन गतिविधियों में लगे लोगों को एफपीओ (किसान उत्पादक संगठन) में संगठित किया जाएगा, जो मखाना किसानों को समर्थन और प्रशिक्षण सहायता प्रदान करेगा.’’ उन्होंने कहा कि ये एफपीओ यह सुनिश्चित करने के लिए भी काम करेंगे कि उन्हें सभी प्रासंगिक सरकारी योजनाओं का लाभ मिले.
बजट में बिहार पर कितना ध्यान केंद्रित किया गया, इसका अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है कि सीतारमण ने मिथिला पेंटिंग वाली क्रीम कलर की साड़ी पहनकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट पेश किया.
सीतारमण को यह साड़ी सुप्रसिद्ध कलाकार पद्मश्री दुलारी देवी ने उस समय भेंट की थी, जब वह गत वर्ष नवंबर महीने में बिहार के मिथिला क्षेत्र के दौरे पर थीं और इस दौरान वह मिथिला चित्रकला संस्थान गई थीं.
सीतारमण ने कहा कि इसके अलावा, ‘पूर्वोदय’ के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता के अनुरूप, सरकार बिहार में एक राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी, उद्यमिता और प्रबंधन संस्थान की स्थापना करेगी. पूर्वोदय योजना के तहत, सरकार बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और आंध्र प्रदेश को शामिल करते हुए पूर्वी क्षेत्र के राज्यों का सर्वांगीण विकास कर रही है.
वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘संस्थान पूरे पूर्वी क्षेत्र में खाद्य प्रसंस्करण गतिविधियों को एक मजबूत प्रोत्साहन प्रदान करेगा. इससे किसानों के लिए उनकी उपज के मूल्य संवर्धन और युवाओं के लिए कौशल, उद्यमिता और रोजगार के अवसरों के माध्यम से आय में वृद्धि होगी.’’
उन्होंने कहा कि बिहार में ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों की सुविधा दी जाएगी ताकि राज्य की भविष्य की जरूरतों को पूरा किया जा सके. सीतारमण ने कहा कि यह पटना हवाई अड्डे की क्षमता के विस्तार और बिहटा में एक ब्राउनफील्ड हवाई अड्डे के अतिरिक्त होगा. वित्त मंत्री ने बिहार के मिथिलांचल क्षेत्र में पश्चिमी कोसी नहर परियोजना के लिए समर्थन की भी घोषणा की.
उन्होंने कहा, ‘‘पश्चिमी कोसी नहर ईआरएम परियोजना के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी, जिससे बिहार के मिथिलांचल क्षेत्र में 50,000 हेक्टेयर से अधिक भूमि पर बड़ी संख्या में खेती करने वाले किसानों को लाभ होगा.’’
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