Bus Strike In UP: जानें क्या है वो कानून जिसकी वजह से थमी उत्तर प्रदेश परिवहन की रफ्तार?

Bus Strike In UP: नए हिट एंड रन कानून के खिलाफ UPSRTC के बस ड्राइवरों ने मोर्चा खोल दिया है. बस चालकों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की.

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हाइलाइट्स

  • नए कानून के खिलाफ बस चालकों ने 1 जनवरी को हड़ताल किया था.
  • रोडवेज बस चालकों की हड़ताल से यात्री हो रहे हलकान

Uttar Pradesh: केंद्र सरकार द्वारा लाये गए मोटर चालकों से जुड़े 'हिट-एंड-रन' सड़क दुर्घटना मामलों के संबंध में नए दंड कानून में प्रावधान के खिलाफ ट्रक चालकों ने नए साल के पहले दिन (सोमवार) को देश के अलग-अलग राज्यों में विरोध- प्रदर्शन किया. इसका असर उत्तर प्रदेश परिवहन पर भी देखने को मिला. साल के पहले दिन अपने घरों और रिश्तेदारों के यहां यात्रा करने वाले लोगों को बस चालकों की हड़ताल की वजह से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. 

क्या है कानून में? 

केंद्र सरकार ने सड़क दुर्घटना मामलों में नए दंड संहिता का प्रावधान किया है. भारतीय दंड संहिता का स्थान लेने वाले भारतीय न्याय संहिता के अनुसार, अगर किसी वाहन चालक की लापरवाही से कोई सड़क दुर्घटना होती है, और वो पुलिस को इसकी जानकारी दिये बिना ही वहाँ से भाग जाते हैं तो ऐसी परिस्थिति में वाहन चालकों के लिए 10 साल तक की सजा का प्रावधान किया गया है. इसी प्रावधान के खिलाफ वाहन चालकों ने अपना आक्रोश व्यक्त किया है.

पांच लाख रुपए जुर्माना और दस साल की सजा का प्रावधान

भारतीय न्याय संहिता के नए हिट एंड रन कानून के अनुसार लापरवाही से हुए हादसे के बाद मौके से फरार होने वाले चालकों के लिए पांच लाख रुपए जुर्माना और दस साल की सजा का प्रावधान किया गया है. इस कानून के खिलाफ यूपी रोडवेज के बस चालकों ने सरकार का विरोध करते हुए मोर्चा खोल दिया है. 

बस डिपो में खड़ी वाहनें
बस डिपो में खड़ी वाहनें

बस चालकों ने हिट एंड रन कानून को बताया 'काला कानून'

नए हिट एंड रन कानून के खिलाफ सोमवार को बस और ट्रक ड्राइवरों ने हड़ताल शुरू कर दी है. ऑल इंडिया ट्रक चालक संगठन ने एक जनवरी को हड़ताल का आह्वान किया था. जिसके बाद बस चालकों ने बसों को डिपो से बाहर नहीं निकाला. इसके साथ ही बस चालकों ने इस कानून को काला कानून बताया. उन्होंने कहा कि ' जब तक सरकार काले कानून को वापस नहीं लेती तब तक बस नहीं चलायेंगे' .

बता दें कि केंद्र सरकार के नए परिवहन नियमों का बस चालकों के अलावा ट्रांसपोर्ट कारोबारियों ने भी विरोध किया है. मेरठ ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के बैनर तले कारोबारी विरोध कर रहे हैं.

वाराणसी में दूसरे दिन भी हड़ताल जारी 

जहां एक ओर आम जनता बस चालकों के हड़ताल से परेशान हो रही है तो वहीं दूसरी ओर रोडवेज बस चालकों ने दूसरे दिन भी अपनी हड़ताल जारी रखी है. जिसकी वजह से वाराणसी से आजमगढ़, गाजीपुर, जौनपुर, प्रयागराज, चंदौली, लखनऊ जाने के लिए यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

सरकार ने क्या कहा?

बस चालकों की हड़ताल पर केन्द्रीय परिवहन मंत्रालय ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. परिवहन मंत्रालय ने कहा है कि कुछ मीडिया प्लेटफॉर्म मौजूदा ट्रकों की हड़ताल को मोटर व्हीकल एक्ट से जोड़कर देख रहें हैं. मगर ये गलत है. इसका संबंध संसद में पास नए कानून से है, न कि व्हीकल एक्ट से.