दलाई लामा के उत्तराधिकारी चयन में चीन का कोई योगदान नहीं, धर्मगुरु ने खुद दी जानकारी

दलाई लामा ने कहा कि दलाई लामाओं की सदियों पुरानी परंपरा को जारी रखने के लिए एक औपचारिक ढांचा तैयार किया जा रहा है. उन्होंने अपनी हालिया पुस्तक वॉयस फॉर द वॉयसलेस में भी लिखा कि उनका पुनर्जन्म चीन के बाहर होगा.

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Courtesy: Social Media

Dalai Lama: दलाई लामा ने अपने जन्मदिन से पहले यह बताया कि उनके उत्तराधिकारी के चयन प्रक्रिया में चीन की कोई भूमिका नहीं है. धर्मशाला से बोलते हुए, तिब्बती आध्यात्मिक नेता ने कहा कि केवल उनके द्वारा स्थापित फाउंडेशन ही नए दलाई लामा के चयन की प्रक्रिया की देखरेख करेगा. यह बयान वैश्विक स्तर पर चर्चा का विषय बन गया है.

दलाई लामा ने कहा कि दलाई लामाओं की सदियों पुरानी परंपरा को जारी रखने के लिए एक औपचारिक ढांचा तैयार किया जा रहा है. उन्होंने अपनी हालिया पुस्तक वॉयस फॉर द वॉयसलेस में भी लिखा कि उनका पुनर्जन्म चीन के बाहर होगा. उन्होंने स्पष्ट किया कि हम दलाई लामा की संस्था को बनाए रखने के लिए एक ढांचे पर काम कर रहे हैं. हालांकि, उन्होंने इसकी बारीकियों का खुलासा नहीं किया. 

गादेन फोडरंग फाउंडेशन को जिम्मेदारी  

गादेन फोडरंग फाउंडेशन जिसकी स्थापना खुद दलाई लामा ने की थी. उस फाउंडेशन को 15वें दलाई लामा की खोज और मान्यता की जिम्मेदारी सौंपी गई है.  यह कदम दलाई लामा की आध्यात्मिक विरासत को बनाए रखने के लिए उठाया गया है. चीन का दावा है कि दलाई लामा के पुनर्जन्म की प्रक्रिया में स्वर्ण कलश का उपयोग होना चाहिए और यह चीन की सीमा के भीतर होना चाहिए. लेकिन निर्वासित तिब्बती समुदाय ने इसे सिरे से खारिज कर दिया. धर्मशाला में तिब्बती संसद ने कहा कि उनके पास परंपरा को जारी रखने का तंत्र है. उन्होंने स्पष्ट किया कि चीन द्वारा चुने गए किसी भी उम्मीदवार को मान्यता नहीं मिलेगी. 

भारत और अमेरिका का समर्थन

भारत 1959 से दलाई लामा और लाखों तिब्बती बौद्धों की मेजबानी कर रहा है. यह भारत-चीन संबंधों में एक महत्वपूर्ण मुद्दा है. भारत को तिब्बतियों की मौजूदगी से नैतिक और कूटनीतिक लाभ मिलता है. दूसरी ओर, अमेरिका ने भी तिब्बती स्वायत्तता का समर्थन किया है. 2024 में तत्कालीन राष्ट्रपति जो बिडेन ने एक कानून पर हस्ताक्षर किए, जिसमें पुनर्जन्म प्रक्रिया में चीन के हस्तक्षेप को खारिज किया गया. दलाई लामा ने कहा कि चीनी कम्युनिस्ट, जो धर्म में विश्वास नहीं करते, लामाओं के पुनर्जन्म में दखल देना चाहते हैं. यह पूरी तरह गलत है. उन्होंने तिब्बतियों से अपील की कि वे राजनीतिक उद्देश्यों से चुने गए किसी भी उत्तराधिकारी को स्वीकार न करें. 

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