Code of conduct: देश में लागू हुई आचार संहिता, जानें किन-किन चीज़ों पर रहेगा प्रतिबंध?

Code of conduct: चुनाव आयोग ने यह ऐलान 18वीं लोकसभा के लिए किए हैं. इस ऐलान के साथ ही देशभर में आचार संहिता भी लागू हो गई है.चलिए जानते हैं कि आचार सहिंता किन-किन पर लागू होती है और इसके उल्लंघन करने पर चुनाव आयोग की तरफ से क्या कार्रवाई हो सकती है. 

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हाइलाइट्स

  • देश में लागू हुई आचार संहिता,
  • जानें किन-किन चीज़ों पर रहेगा प्रतिबंध?

Code of conduct: लोकसभा चुनाव 2024 की तारीखों का एलान हो चुका है.  देशभर में 7 चरणों में लोकसभा चुनाव कराए जाएंगे. वहीं चुनाव के परिणाम 4 जून को घोषित किए जाएंगे. इसके अलावा बिहार, गुजरात, हरियाणा, महाराष्ट्र झारखंड, हिमाचल, राजस्थान, तमिलनाडु की 26 विधानसभा पर उपचुनाव भी कराए जाएंगे. साथ ही 4 राज्यों में विधानसभा चुनाव भी कराए जाएंगे. जिसके तहत आंध्र प्रदेश में 13 मई को चुनाव होंगे. सिक्किम और अरुणाचल में 19 अप्रैल को वोटिंग होगी. ओडिशा में मतदान 13 मई से 4 चरणों में होंगे. वहीं वोटों की गिनती 4 जून को होगी. चुनाव आयोग ने यह ऐलान 18वीं लोकसभा के लिए किए हैं. इस ऐलान के साथ ही देशभर में आचार संहिता भी लागू हो गई है.

क्या होती है आचार संहिता?

स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग के बनाए गए नियमों को आचार संहिता कहते हैं. जो चुनाव की प्रक्रिया समाप्त होने तक लागू रहती है. भारतीय निर्वाचन आयोग आचार संहिता को सभी राजनीतिक दलों की सहमति बन जाने के बाद तैयार करता है. जिसके लागू होने के बाद, राजनैतिक पार्टियों और उम्मीदवारों पर कुछ पाबंदी लगाई जाती है, ताकि सभी उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने में बराबर का अधिकार मिल सके. चलिए जानते हैं कि आचार सहिंता किन-किन पर लागू होती है और इसके उल्लंघन करने पर चुनाव आयोग की तरफ से क्या कार्रवाई हो सकती है. 

इनपर लागू होती है आचार संहिता

चुनाव आचार संहिता के नियम केवल राजनीतिक पार्टियों और उम्मीदवारों पर ही नहीं लागू होते हैं. ये नियम केंद्र सरकार या राज्य सरकार द्वारा पूर्ण या आंशिक रूप से वित्तपोषित सभी संगठनों, समितियों, निगमों, आयोगों जैसे डीडीए, जल बोर्ड आदि पर भी लागू होते हैं. इन संगठनों का अपनी उपलब्धियों का विशिष्ट रूप से विज्ञापन करना या नई सब्सिडी का एलान करना आचार संहिता का उल्लंघन माना जाता है.

चुनाव आचार संहिता में किन चीज़ों पर रहती है पाबंदी?

1. आचार संहिता लागू होते ही सार्वजनिक धन का इस्तेमाल किसी ऐसे आयोजन में नहीं किया जा सकता जिससे किसी विशेष राजनीतिक दल को लाभ पहुंचता हों.

2. वहीं सरकारी वाहन, विमान या मशीन का इस्तेमाल चुनाव प्रचार के लिए नहीं किया जा सकता है. 

3.  किसी भी तरह की सरकारी एलान,  लोकार्पण, शिलान्यास या भूमिपूजन के कार्यक्रम पर पाबंदी रहती है. 

4. स्थायी या अस्थायी रूप से जुड़े  अधिकारियों/पदाधिकारियों के ट्रांसफर और तैनाती नहीं की जा सकती.  

5. प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में सरकारी खजाने से पार्टी की उपलब्धियों के संबंध में विज्ञापन पर खर्च करने पर रोक रहती है. 

6. सत्ताधारी पार्टी की उपलब्धि से जुड़े सभी पोस्टर होर्डिंग को हटा दिया जाता है. 

7. किसी भी राजनीतिक पार्टी, प्रत्याशी या समर्थकों को रैली या चुनावी जनसभा करने के लिए पुलिस की अनुमति लेना अनिवार्य है.  

8. कोई भी  राजनीतिक पार्टी जाति या धर्म के आधार पर जनता से  वोट नहीं मांग सकता है.

नियमों का पालन न करने पर क्या होगा?

अगर कोई राजनीतिक दल या फिर कोई उम्मीदवार चुनाव आचार संहिता का पालन नहीं करता है, तो उस पर चुनाव आयोग की ओर से कार्रवाई की जाती है. इस दौरान उम्मीदवार को चुनाव लड़ने से रोका जा सकता है.  यदि जरूरत पड़े तो आपराधिक मुकदमा भी दर्ज की जा सकता है, वहीं नियमों के उल्लंघन पर जेल भी जाना पड़ सकता है.