नई दिल्ली: भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बुधवार तड़के बताया कि भीषण चक्रवाती तूफान मोन्था आंध्र प्रदेश तट पार करने के बाद कमजोर हो गया. चक्रवाती तूफान की वजह से मंगलवार शाम कई तटीय जिलों में तेज हवाओं के साथ भारी बारिश हुई.
आईएमडी के सुबह 2:30 बजे अपडेट में कहा गया कि तूफान उत्तर-पश्चिम दिशा में 10 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है. उन्होंने बताया कि अगले छह घंटों में तीव्रता बरकरार रहेगी, उसके बाद अगले छह घंटों में गहरे दबाव में बदल जाएगा.
मौसम विभाग द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक तूफान का पिछला हिस्सा भूमि में घुस चुका है. तूफान का केंद्र नरसापुर से 20 किमी पश्चिम-उत्तर-पश्चिम, मछलीपट्टनम से 50 किमी उत्तर-पूर्व और काकीनाडा से 90 किमी पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम है. मछलीपट्टनम और विशाखापत्तनम में डॉपलर रडार से निगरानी हो रही है. बताया गया कि तूफान अंतर्देशीय जा रहा है और बहुत ही जल्द कमजोर होगा. हालांकि इस तूफान की वजह से कुछ नुकसान भी हुआ है. मिल रही जानकारी के मुताबिक कोनासीमा जिले में पेड़ गिरने से एक महिला की मौत हो गई. इसके अलावा चक्रवात की वजह से 38,000 हेक्टेयर खड़ी फसलें बर्बाद हो गई, साथ ही 1.38 लाख हेक्टेयर बागवानी फसलें नष्ट हो गई.
मोन्था की वजह से पश्चिम गोदावरी, कृष्णा और पूर्वी गोदावरी में तेज हवाएं के साथ भारी बारिश हुई है. निचले इलाकों में बाढ़ की चेतावनी जारी की गई है, कुछ इलाकों में पेड़ उखड़ गए हैं जिसकी वजह से बिजली आपूर्ति बाधित हो गई है. तूफान मछलीपट्टनम और कलिंगपट्टनम के बीच तट पार किया. तटीय क्षेत्रों में बारिश और हवाओं का कहर देखने को मिला है. ओडिशा के तटीय और दक्षिणी जिलों में भारी बारिश और भूस्खलन हुआ. इसकी वजह से कई घर क्षतिग्रस्त हो गए. तूफान की वजह से कुल 15 जिलों में सामान्य जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. आईएमडी लगातार नजर रख रहा है. हालांकि तूफान कमजोर हो रहा है, लेकिन सतर्कता जरूरी है.